स्वर्णिम वर्ष 2024: वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद स्थिरता का मजबूत केंद्र बना रहा भारत
-जब दुनिया उथल-पुथल का शिकार रही, कई देश राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के शिकार रहे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैसे भारत वैश्विक पटल पर मजबूती से खड़ा रहा, विश्लेषण कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल
प्रेम शुक्ल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा वर्ष 2024! दुनिया के कई देशों में सत्ता परिवर्तन एवं युद्ध की विभीषिका की वजह से राजनीतिक एवं आर्थिक अस्थिरता चरम पर रहा, वहीं भारत अपनी राजनीतिक स्थिरता एवं आर्थिक मजबूती के लिए वैश्विक पटल पर नए आयाम स्थापित किया। पिछले दस वर्षों के दौरान बेहतरीन जनकल्याण एवं विकास की नीतियों और योजनाओं के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बनकर नए रिकार्ड स्थापित करते हुए वैश्विक पटल पर भारत की पहचान को और मजबूती दी। भारतीय इतिहास के स्वर्णिम वर्ष के रूप में दर्ज 2024 में साढ़े पांच सौ साल बाद अयोध्या में सनातन संस्कृति के पुरूषोत्तम श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ, दुसरी ओर, 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से उपर उठ गए और भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में चौथे स्थान पर पहुंचा।
उतार-चढ़ाव के बीच वर्ष 2024 का आगमन ही भारत के लिए स्वर्णिम रहा, क्योंकि 22 जनवरी 2024 को शताब्दियों से चल रहा राम मंदिर आंदोलन का सुखद परिणाम आया और करोड़ रामभक्तों के संघर्ष को सफल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की, जिसे भारत के प्राण की प्रतिष्ठा तक की उपमा दी गई। भाजपा के राजनीतिक और वैचारिक विपक्ष ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताते हुए महोत्सव के समय की आलोचना शुरू कर दी और वहीं से विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया।
लोकसभा चुनाव-2024 में भारतीय जनता पार्टी ने फिर एक बार वापसी की और नरेन्द्र मोदी एक बार पुनः देश के प्रधानमंत्री बने। इस बार नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना खास था क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के बाद यह पहली बार हुआ था की जनता ने लगातार तीसरी बार एक ही नेता को प्रधानमंत्री बनाने का जनादेश दिया हो। इस तथ्य में कोई दो राय नहीं है कि नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं लेकिन जनता ने सिर्फ जनप्रियता के आधार पर उन्हें नहीं चुना था। जनता ने देखा था कि जहां एक ओर पूरा विश्व अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था और हालिया कुछ वर्षों में महाशक्तियों में मात्र गलत और कमजोर नेतृत्व की सजा स्वयं जनता ने भोगी थी और जनता जानती थी कि प्रबुद्धता में खोखला हो चुका विपक्ष सिवाय ओछी राजनीति के देश में कुछ और नहीं कर सकता।
सिर्फ इसी वर्ष पर गौर किया जाए तो इतिहास के सबसे बड़े चुनावी वर्ष में विश्व के प्रमुख लोकतंत्रों ने प्रमुखता से अस्थिरता को झेला है। जर्मनी, फ्रांस, जापान और कनाडा में सत्ताधारी पार्टियों का बहुमत खोना तथा दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगना चिंता का विषय बना। ब्रिटेन में प्रचंड बहुमत आया लेकिन टैक्स बढ़ाने जैसी मूलभूत चुनौतियों या यूं कहें गलतियों ने सरकार की लोकप्रियता को बड़े स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, बांग्लादेश में जबरन सत्ता परिवर्तन हुआ तथा उसके प्रभाव अब तक दिखना बंद नही हुए हैं। इसके अलावा यूक्रेन-रूस के एक दूसरे पर हमले यथावत रहे और इजरायल – फिलीस्तीन के बीच का संघर्ष इतना भयंकर हो गया कि दोनों देशों ने हृदयविदारक दृश्य देखे। सीरिया, अफगानिस्तान, यमन और सूडान जैसे देशों से आने वाले शरणार्थियों ने यूरोप के सामने एक चुनौती और खड़ी कर दी।
इन सभी वैश्विक चुनौतियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक मजबूत राष्ट्र, सशक्त लोकतंत्र एवं स्थिर देश के रूप में खड़ा रहा। यह मोदी सरकार के प्रयासों, संकल्पों और दृढ़ता का ही परिणाम है कि लगभग हर वैश्विक मतभेद में दोनों तरफ के देश मध्यस्थता के लिए भारत की ओर देखते हैं। एक दशक से अधिक समय से वैश्विक स्थितियों को देखने वाले विशेषज्ञ ये स्पष्ट बता पाएंगे कि इन देशों का भारत की ओर मध्यस्थता की आशा देखना, राष्ट्र की एक कूटनीतिक विजय है।
इन मतभेद एवं अस्थिर स्थितियों में देश की संप्रभुता को बनाए रखना, अन्य देशों के संबंधों को बेहतर बनाए रखते हुए आंतरिक विकास की गति को तेज करना और देश के हर वर्ग के उत्थान के लिए सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करना जिनके बारे में एक आम आदमी का जानना आवश्यक है। कदापि, इसलिए नहीं कि इस राष्ट्र के नागरिक होने के नाते उन्हें ये मालूम होना आवश्यक है, अपितु इसलिए क्योंकि जितना श्रेय इसका सरकार को जाता है, उतने ही श्रेय की हकदार देश की जनता है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार एक मजबूत सरकार और एक सशक्त नेतृत्व का चुनाव किया, जिसने 2024 में पूरे विश्व को स्थिरता के नए उदाहरण दिए और विकसित भारत के रथ की गति को तेज करते हुए विकास के नए आयाम रचे।
मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक सुधार, विदेशी निवेश, शांति स्थापना, कानूनी सुधार, डिजिटलाइजेशन, सामाजिक कल्याण, रक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंध, कृषि, पर्यावरण और संस्कृति सहित हर मोर्चे पर 2024 को सफल बनाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि भारत की जीडीपी विकास दर 2023-24 में 6.5% रही जो विश्व में सर्वाधिक है। वर्तमान में, भारत की जीडीपी 3.73 ट्रिलियन डॉलर है और मोदी सरकार इसे 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। भाजपा सरकार ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत सुधार लागू किए गए, जिससे रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। 2023-24 में, भारत में कुल एफडीआई प्रवाह 60.1 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन की दुनिया में आज हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। 2024 में भारत में लगभग ₹400 लाख करोड़ से अधिक मूल्य के डिजिटल लेन देन किए। इस वर्ष प्रति दिन 37 किमी हाइवे का निर्माण हुआ, 8500 किमी रेल लाइनों का विद्युतीकरण हुआ, वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत 100 दिनों में, 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित की।
अगर सामाजिक कल्याण पर गौर किया जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को 5 लाख रुपए तक निशुल्क स्वास्थ्य बीमा दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ नए घर स्वीकृत किए। छात्रों को नई शिक्षा नीति का तोहफा दिया। स्टार्टअप इंडिया के तहत स्टार्टअप के लिए नियमों को आसान किया गया जिसके परिणामस्वरूप आज देश में 50,000 से अधिक स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं जिनमें 108 यूनिकॉर्न बन चुके हैं। 1 करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया। अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सीधे उनके खाते में पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाकर जल की समस्या को कम किया। इसके अलावा माओवाद जैसी समस्याओं के विरुद्ध कठोर नीतियां अपनाकर देश को सुरक्षित बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने हर पहलू, हर आधार एवं हर वर्ग के उत्थान का ध्यान रखा। हर वर्ग के विकास के साथ ही भाजपा सरकार देश को सशक्त बना रही है और यही कारण हैं कि वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद भी भारत स्थिरता का मजबूत केन्द्र बना रहा। मोदी सरकार ने विकसित भारत के संकल्प के साथ कई नए लक्ष्य लिए हैं, जिन्हें साधने के दिशा में आगे बढ़ते हुए बीता हुआ वर्ष एक मील का पत्थर साबित हुआ है। मोदी सरकार ने विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने, देश के हर नागरिक को सशक्त बनाने एवं हर वर्ग का उत्थान करने के लक्ष्य के साथ इस वर्ष में प्रवेश किया है और ये सभी लक्ष्य प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरी प्रतिबद्धता के साथ परिपूर्ण किए जाएंगे।
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