सीएम नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी थे। नरेंद्र सिंह के निधन के बाद नीतीश कुमार ने उनके पुत्र और बिहार सरकार के मंत्री सुमीत कुमार सिंह से भी फोन पर बात की। एक समय में वह नीतीश कुमार के कैबिनेट में कद्दावर मंत्री भी रहे थे। वह बिहार सरकार में स्वास्थ्य और कृषि मंत्री रह चुके थे।
साल 2005 में जब बिहार में सत्ता का परिवर्तन हुआ और नीतीश आए तो भी इसमें अहम भूमिका निभाने वालों में नरेंद्र सिंह ही थे। वह जेपी आंदोलन उपज से लेकर बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुकाम हासिल करने वाले राजनेता थे। बिहार की राजनीति में उनकी एक अलग पहचान थी। उनके व्यक्तित्व, उनकी निडरता, उनके साहस और उनके बेबाक बोल ने लोगों को काफी प्रभावित किया।
नरेंद्र सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे राजनीति में कबी किसी के पिछलग्गू नहीं बने और जाति धर्म के भेदभाव की राजनीति से भी खुद को दूर रखा। जमुई जिले के रहने वाले नरेंद्र सिंह लालू यादव और नीतीश कुमार के करीबी थे। नरेंद्र सिंह की गिनती बिहार के बड़े राजपूत नेताओं में होती थी। जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि बिहार ने एक जमीनी नेता खो दिया है।
ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा, “बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्री नरेंद्र बाबू के निधन की खबर दुःखद है। 1974 के जेपी आंदोलन काल से मेरा उनसे व्यक्तिगत संबंध रहा है। भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक-संतप्त परिजनों के लिए संबल की प्रार्थना करता हूं। उनके निधन से बिहार ने एक जमीनी नेता खो दिया है।”
नरेंद्र सिंह के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि वह अपने सुख दुख के साथी नरेंद्र सिंह के निधन की सूचना से स्तब्ध हैं। उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा, “श्री नरेंद्र सिंह जैसे योद्धा सदियों में जन्म लेते हैं। आप इतनी जल्दी चले जाएंगे, यह सोचा भी नहीं था। आपकी कमी हमेशा खलेगी।”
नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित कुमार सिंह अभी बिहार सरकार में मंत्री हैं। सुमित सिंह वर्ष 2020 में हुए विधानसभा के चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीते और इसके बाद वह नीतीश मंत्रीमंडल में शामिल हुए।