एग्जिट पोल में भाजपा को अधिकतम 32 तो कांग्रेस को कम से कम 49 सीटें मिलने के संकेत हैं। इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बना सकती है। नतीजों का विश्लेषण करें तो भाजपा पर 10 साल की सत्ताविरोधी लहर(एंटी इन्कमबेंसी) भरी पड़ी।
मुख्यमंत्री बदलना भी काम नहीं आया
एग्जिट पोल ने जिस तरह से संकेत दिए हैं, उसके मुताबिक हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर अलोकप्रिय होने के बाद मनोहर लाल खट्टर को हटाने का भी भाजपा को फायदा नजर नहीं आया। भाजपा ने ओबीसी चेहरे नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
किसानों और युवाओं की नाराजगी
पंजाब के बाद हरियाणा दूसरा ऐसा राज्य रहा, जहां किसान आंदोलन की तपिश महसूस की गई। इसके अलावा पहलवानों और बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने युवाओं को साधने की कोशिश की। एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि किसानों और युवाओं की नाराजगी भी भाजपा को भारी पड़ी।