नई दिल्ली

Diwali 2021: दीपावली पर चाइनीज झालर की जगह मिट्टी के दीयों की रोशनी क्यों है जरूरी

Diwali 2021. आज देशभर में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर कई लोग मिट्टी के दीयों की जगह चाइनीज झालरों से रोशनी करते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इस दिन मिट्टी के दीये जलाना कितना शुभ होता है और इसको लेकर कई मान्यताएं भी हैं।

नई दिल्लीNov 04, 2021 / 10:46 am

Nitin Singh

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नई दिल्ली। Diwali 2021. आज देशभर में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। रोशनी के इस त्योहार दीपावली पर मिट्टी दीयों का काफी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मिट्टी का दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है। इसके साथ ही परिवार में सुख समृद्धि आती है। हालांकि पिछले कुछ सालों से देश में लोग दिवाली पर मिट्टी के दीयों के बजाय चाइनीज झालरों को तरजीह देते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि दीपावली पर चाइनीज झालर की जगह दीयों से रोशनी क्यों जरूरी है।
क्यों मनाई जाती है दिवाली
दरअसल, जब भगवान राम रावण का वध करके 14 वर्ष के वनवास से वापस लौटे थे तो अयोध्या में मिट्टी के दीपक जलाकर अपनी खुशी जाहिर की थी। इसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन मिट्टी का दीपक जलाने के पीछे कई मत हैं। मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
क्यों जलाते हैं मिट्टी के दीये
विद्वानों का कहना है कि मिट्टी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है, मंगल साहस, पराक्रम में वृद्धि करता है। वहीं तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है और शनि को भाग्य का देवता कहा जाता है। ऐसे में घर में मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की दोनों की कृपा आती है।
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पंच तत्व का प्रतिनिधित्व करता दीया
बता दें कि हिंदू धर्म में पंच तत्वों जल, अग्नि, वायु, आकाश और भूमि की भूमिका काफी अहम है। वहीं मिट्टी का दीया इन पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यता है कि जब मिट्टी का दीया जलाया जाता है तो यह तीनों लोकों और तीनों कालों का भी प्रतिनिधित्व करता है। मिट्टी का दीया पृथ्वी लोक और वर्तमान का प्रतीक माना जाता है वहीं उसमें जलने वाले तेल या घी भूतकाल व पाताल लोक का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही दीये में चलने वाली लौ स्वर्ग, आकाश और भविष्य का प्रतिनिधित्व करती है।
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अगर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दीयों की बात करें तो यह इको फ्रेंडली होते हैं और मिट्टी से बने होने की वजह से इन्हें किसी भी नदी, नाले या तालाब में प्रवाहित कर दिया जाता है। साथ ही मिट्टी के दीये जलाने से यह कीट, पतंगों सहित कई हानिकारक जीवाणुओं का नाश करते हैं।

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