इस शर्त पर मिली जमानत जानकारी के मुताबिक यह फैसला झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार (ADJ Avneesh kumar) (प्रथम) ने सुनाया है। फुलपरास थाने में दर्ज आवश्यक वस्तु अधिनियम कांड संख्या 187/21 में एमओ अर्जुन कुमार ने ब्रह्मपुरा गांव निवासी राजीव कुमार और नीतीश कुमार सहित आठ लोगों को आरोपित किया था। राजीव और नीतीश बीते 11 मई से जेल में थे। इस मामले में आरोपितों ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एडीजे ने दोनों बंदियों को 10-10 हजार के दो-दो मुचलका जमा करने के साथ ही दोनों को 50-50 किलो दाल बाढ़ विस्थापित परिवार के बीच निशुल्क वितरण करने का आदेश दिया।
कोर्ट क फैसले की हो रही सराहना बता दें कि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि बाढ़ विस्थापित परिवार में 25 फीसद दलित हों। इसके साथ ही बाढ़ (flood in bihar) विस्थापितों को दाल उपलब्ध कराने के बाद स्थानीय मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य और विधायक में से किसी एक से प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा कराना होगा। एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) का यह फैसला राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं लोग उनके इस फैसले का सराहना भी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार में बारिश (rain in bihar) और नेपाल से बहकर आने वाली नदियों के बढ़े जलस्तर के कारण कई इलाके कई दिनों से बाढ़ से जूझ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य में मानसून कमजोर पड़ने के बाद भी हो रही बारिश के चलते बाढ़ से राहत नहीं मिल रही है। जलभराव के चलते लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रह है। वहीं हाल ही में एक केंद्रीय टीम राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेनी आई थी। उम्मीद है सरकार की ओर से जल्द ही लोगों को मदद मुहैया कराई जाएगी।