पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग वाली कई जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाया है। बता दें कि इससे पहले पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) अध्यक्ष को चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था। साथ ही दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी।
3 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने हिंसा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों से उसी दिन तक कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को भी कहा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा था कि क्या 13 जुलाई को प्रस्तुत अंतिम एनएचआरसी रिपोर्ट में अतिव्यापी होने वाले किसी भी मामले में कोई स्वत: संज्ञान लिया गया था।
कैलाश विजयवर्गीय ने जताई खुशी हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य सरकार के संरक्षण में हुई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश ने सरकार की पोल खोल दी है, हम अदालत के आदेश का स्वागत करते हैं।
चुनाव के बाद राज्य में हुई थी हिंसा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा 77 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। चुनावों के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। इस हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं।