अदालत ने पहले इस घटना को ‘गंभीर और चौंकाने वाला’ करार देते हुए मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। वहीं इस मामले में अनीस खान के परिवार ने एक जनहित याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। मृतक के पिता ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया गया था। राज्य सरकार ने हत्या की जांच के लिए SIT का गठन किया था। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त SIT को हावड़ा जिला न्यायाधीश की देखरेख में जांच जारी रखने की अनुमति दी थी।
वहीं अनीस के परिवार ने बार-बार कहा कि उन्हें इस जांच पर भरोसा नहीं है। इस मामले में ये दावा किया गया था कि अनीस को चार लोगो ने बेरहमी से पीटा था, जिनमें से एक पुलिस की वर्दी में था और अन्य तीन नागरिक स्वयंसेवकों की पोशाक में थे। अनीस को हावड़ा जिले के अमता में घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया गया था। खान के पिता व भाई का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस संलिप्त है ऐसे में उससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
अब अदालत ने अनीस खान की मौत की CBI जांच की मांग खारिज कर दी है। इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि CBI की कोई जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT टीम इस मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी और जरूरत पड़ने पर आगे की जांच करेगी।