मुख्यमंत्री ने सेना में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नई रक्षा भर्ती के जरिए अपना सशस्त्र कैडर बेस बनाने की कोशिश कर रही है। उन्हें बंदूक की ट्रेनिंग दी जाएगी।
उन्होंने ने कहा कि वो आर्मी का सम्मान करती हैं, लेकिन यह घोषणा आर्मी ने नहीं की है। यह घोषणा गृह विभाग ने की है। उन्होंने यह भी कहगा कि एक मुद्दे को दबाने के लिए दूसरे मुद्दे लाए जाते हैं। उन्होंने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के अग्निपथ पर दिए गए बयान को आड़े हाथों लेकर कहा कि क्या भाजपा की योजना चार साल की सेवा अवधि के बाद इन ‘अग्निवीर’ सैनिकों को अपने पार्टी कार्यालयों में ‘चौकीदार’ के रूप में तैनात करने की है।
ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि केन्द्र सरकार ने कहा था कि नौकरियों को हम देंगे, लेकिन ये अग्निपथ के नाम पर एक लॉलीपॉप पकड़ा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैं अल्पसंख्यक को अनुरोध करुंगा कि वो बीजेपी की साजिश में ना आए। जो रेजीमगर, हावड़ा और डोमकल नबद्वीप में जो हुआ हम उसका खंडन करते है।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान देने के बाद बीजेपी के विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में हंगामा शुरू कर दिया। सभी ममता बनर्जी से बयान वापस लेने की मांग करने लगे। बाद में शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने न केवल बीजेपी का अपमान किया है, बल्कि सेना का अपमान किया है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अपने बयानों के लिए माफी मांगे। वहीं इसके खिलाफ बीजेपी विधायकों ने जुलूस भी निकाला।