सुब्रमण्यन के खुद रविवार को भी काम करने की बात पर यूजर्स ने बिजनेस टुडे की उस रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसके मुताबिक उन्हें 2023-24 में करीब 51 करोड़ रुपए का वेतन मिला, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 43.11 फीसदी की बढोतरी हुई। इसमें उनका मूल वेतन और भत्ते आदि शामिल हैं। खास बात ये है उनका वेतन उनके कर्मचारियों के औसत पैकेज की तुलना में 535 गुना ज्यादा है।
सुब्रमण्यन ने काम के घंटों का अंतर बताते हुए हुए चीन और अमरीका की आर्थिक प्रगति की तुलना भी की। यहां जानते हैं क्या काम के घंटे बढ़ाने से उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। इसमें देख सकते हैं चीन में 2169 वार्षिक काम के घंटे होने के बावजूद उत्पादकता 11.7 डॉलर प्रति घंटा है, जबकि हंगरी में 1381 काम के घंटो में ही उत्पादकता 34.8 डॉलर प्रति घंटा है।
रिसर्च क्या कहते हैं
कम उत्पादकता :49 घंटे से ज्यादा काम करने से उत्पादकता घटती है। 55 घंटे के बाद यह गिरावट इतनी बढ़ जाती है कि इससे काम दिशाहीन हो जाता है। जो सप्ताह में 70 घंटे काम करते हैं, वे भी 55 घंटे काम करने वालों जितनी ही उत्पादकता दे पाते हैं। (स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी )
2000 से 2016 के बीच हुए अध्ययन में सामने आया, सप्ताह में 55 घंटे या उससे ज्यादा काम करने वालों में हृदय रोग की 42 फीसदी तथा स्ट्रोक की 19 फीसदी आशंका अधिक रहती है। (विश्व स्वास्थ्य संगठन )
ओवर टाइम शेड्यूल वाली नौकरियों में कर्मचारियों/ श्रमिकों को चोट लगने का जोखिम 61 फीसदी ज्यादा था। ऐसे कर्मचारियों की उत्पादकता और काम के प्रति संतुष्टि वर्क-लाइफ बैलेंस रखने वाले कर्मचारियों की तुलना में कम रहती है। (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ )