भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि, अब तक सभी पीड़िताओं के बयान क्यों दर्ज नहीं किए गए? कब इनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाएंगे।
कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर पहलवान धरना दे रहे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने का आदेश देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर दो मामले दर्ज किए। नाबालिग की शिकायत पर पहली एफआईआर में बृजभूषण पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया है। दूसरी एफआईआर में धारा 345, धारा 345(ए), धारा 354 (डी) और धारा 34 लगाई गई हैं।