नम्रता चड्ढा ने किया फैसले का स्वागत
सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं की तो लंबे समय से यह मांग रही है। चड्ढा ने कहा, “मैं वर्किंग महिलाओं की तरफ से डिप्टी सीएम प्रावती परिदा का धन्यवाद देती हूं। इसे सरकारी सेक्टर में आसानी से लागू किया जा सकता है। लेकिन इसे कॉरपोरेट और प्राइवेट सेक्टर में लागू करना कठिन होगा। जब प्राइवेट सेक्टर में कई जगहों पर मैटरनिटी लीव तक मिलनी मुश्किल है तो फिर पीरियड्स की लीव कैसे मिलेगी। उनके लिए शायद यह मुश्किल होगा कि वे पीरियड्स के लिए पेड लीव की मंजूरी दें।”
मोहन चरण माझी बोले- विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा सर्वोच्च प्राथमिकताओं में
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को कहा कि विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। माझी ने यहां गांधी मार्ग पर 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अपने संबोधन में कहा कि सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “आज राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन राज्य ने अपनी परिवर्तन यात्रा शुरू की। राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है और उड़िया अस्मिता एवं स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने के साथ विकास के शिखर को छुएगा।” मोहन चरण माझी ने राज्य की जनता से किये गये सभी वादों को पूरा करने की कसम खायी और कहा कि दो प्रमुख वादे – श्रीमंदिर और रत्न भंडार के सभी चार द्वार खोलना उनकी सरकार बनने के पहले दो महीनों में ही पूरे हो चुके हैं। उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार ने 100 दिनों में दो वादों को लागू करने की योजना बनायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिक विकास और महिलाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने किसानों के उत्थान के लिए धान के एमएसपी को बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने और महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत गरीब महिलाओं को 50,000 रुपये दिये जायेंगे। सुभद्रा योजना 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू की जायेगी। ये योजनाएं विकास को बढ़ावा देंगी और राज्य को विकास के पथ पर ले जाएंगी।
1.5 लाख सरकारी पदों को भरने के लिए कदम उठा रही सरकार
राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए माझी ने कहा कि सरकार के पास न केवल किसानों और महिलाओं बल्कि सभी वर्गों के सामूहिक विकास की भी योजना है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पेसा अधिनियम को लागू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और सरकार अगले पांच वर्षों में खाली पड़े 1.5 लाख सरकारी पदों को भरने के लिए कदम उठा रही है।