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West Bengal: मालदा के होटलों में बांग्लादेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक, Owners Association ने की पहल

पश्चिम बंगाल के मालदा होटल ओनर्स एसोसिएशन (Owners Association) ने एक नई पहल की शुरुआत की है। मालदा मर्चेंट चैंबर कॉमर्स के अध्यक्ष जयंत कुंडू कहा, बांग्लादेशी नागरिकों को तब तक होटल सेवाएं नहीं देगा जब तक पुलिस अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं मिल जाती।

कोलकाताDec 05, 2024 / 12:09 pm

Devika Chatraj

West Bengal: मालदा होटल ओनर्स एसोसिएशन (Owners Association) बांग्लादेशी नागरिकों को तब तक होटल सेवाएं प्रदान नहीं करेगा, जब तक कि उन्हें प्रशासन या पुलिस अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं मिल जाती, मालदा मर्चेंट चैंबर कॉमर्स के अध्यक्ष जयंत कुंडू ने गुरुवार को कहा की यह निर्णय बांग्लादेश में चल रही अशांति और देश में अल्पसंख्यकों पर हमले के बीच आया है। साथ ही वह कहते हैं, “मालदा होटल ओनर्स एसोसिएशन, एक पहल लेकर आया है कि अगर कोई बांग्लादेशी यहां आता है तो उसे होटलों में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें प्रशासन या पुलिस से अनुमति लेनी होगी, उसके बाद ही उन्हें अनुमति मिलेगी। बांग्लादेश की स्थिति के कारण, यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

देवकीनंदन ठाकुर का तत्काल कार्रवाई का आग्रह

इससे पहले आज, आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर ने संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया और कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय शांति संगठन कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो उसे भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र भी लिखा है।

क्या बोले देवकीनंदन ठाकुर?

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “मैंने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखा है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना इसलिए की गई थी कि अगर दुनिया में कहीं भी मानवता पर कोई हमला होता है, तो संयुक्त राष्ट्र उनके लिए खड़ा होगा। लेकिन दुर्भाग्य से संयुक्त राष्ट्र भी चुप है। बांग्लादेश में, चिन्मय कृष्ण दास के दो वकीलों को बहुत बुरी तरह पीटा गया। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके (चिन्मय कृष्ण दास) साथ ऐसा हो और फिर वे हमेशा के लिए जेल में रहें। हम चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र इसमें हस्तक्षेप करे। महिलाओं और बच्चों पर हो रहे हमलों पर रोक लगाए।

अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हमले तेज हो गए हैं। हालांकि, अगस्त में शेख हसीना की सरकार के हटने के तुरंत बाद हिंदुओं पर हमले शुरू हो गए थे। मंगलवार को बांग्लादेश की एक अदालत ने हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय दास के लिए अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी, 2025 तय की, जिसमें कहा गया कि तब तक वे कथित देशद्रोह के आरोप में जेल में रहेंगे।

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