JPC चेयरमैन को लिखा पत्र
निशिकांत दुबे ने जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर कहा है कि वक्फ विधेयक को लेकर जेपीसी को मिले 1 करोड़ 25 लाख के लगभग सुझाव अपने आप में महत्वपूर्ण हैं और यह वैश्विक रिकॉर्ड भी है, लेकिन इससे जुड़ी चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। BJP सांसद ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि इसमें से कितने सुझाव भारत के अंदर से आए हैं और कितने सुझाव विदेशों से आए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें सामने आ रही हैं कि इसमें से बड़े पैमाने पर आए सुझावों का कंटेंट या तो समान है या इसमें थोड़ा बहुत फेरबदल है।
खुफिया एजेंसी की मंशा पर उठाए सवाल
उन्होंने भारत से भागे हुए जाकिर नाइक और जमात-ए-इस्लामी एवं तालिबान सहित अन्य कट्टरपंथी संगठनों एवं व्यक्तियों की भूमिका के साथ-साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन की एजेंसी की मंशा पर सवाल उठाते हुए पत्र में यह भी कहा कि इनकी भागीदारी गंभीर चिंता का विषय है। ये संस्थाएं और देश लंबे समय से भारत को अस्थिर करने और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करने के षड्यंत्र रचते रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर आए सुझाव और उसके कंटेंट को देखते हुए यह लग रहा है कि विदेशी शक्तियां देश के बाहर से भारत के विधायी कार्य को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं।
गृह मंत्रालय से जांच करवाने का किया अनुरोध
यदि विदेशी खुफिया एजेंसियां इस अभियान के पीछे हैं तो यह भारतीय संप्रभुता और संसद की स्वतंत्रता पर एक अभूतपूर्व हमला है। भाजपा सांसद ने जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल से इस साजिश की गृह मंत्रालय से जांच करवाने का अनुरोध करते हुए पत्र में आगे लिखा है कि इन सभी आशंकाओं को देखते हुए वह चेयरमैन से यह अनुरोध करते हैं कि जेपीसी को मिले सुझावों के स्रोत की गहन जांच करने की अनुमति गृह मंत्रालय को दें। इस जांच में कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक (Zakir Naik) जैसे व्यक्तियों और आईएसआई एवं चीन जैसी विदेशी शक्तियों के साथ-साथ उनसे अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों की संभावित भूमिका को भी शामिल किया जाना चाहिए।