मची अफरा-तफरी
निर्दलीय प्रत्याशी सत्येंद्र बैठा नामांकन करने के बाद जुलूस के साथ जब गधे की सवारी कर लौटने लगे तो लोगों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने गधे को पीछे से धक्का दिया, जिससे वह बिदक गया और दौड़ने लगा। लेकिन वहां मौजूद लोगों ने गधे पर सवार प्रत्याशी सत्येंद्र बैठा को सुरक्षित बचा लिया।
बताया कारण
सत्येंद्र बैठा ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद नेता अगले पांच सालों तक जनता को मूर्ख और बेवकूफ बनाते रहते हैं। गोपालगंज के किसी नेता ने 30-40 सालों में किसी तरह का विकास नहीं किया है, बल्कि अपने घरों का ही विकास किया है। जनता को गधा बनाने का काम किया है। वह जनता को जागरूक करने के लिए गधे पर बैठकर नामांकन जमा करने पहुंचे हैं। उन्होंने बतौर निर्दलीय नामांकन का पर्चा भरा है। कुचायकोट प्रखंड के शामपुर गांव के रहने वाले सत्येंद्र बैठा तीसरी बार लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाने उतरे हैं। नामांकन पर्चा भरने के बाद बैठा ने कहा कि लोकसभा चुनाव का प्रचार-प्रसार भी गधा से ही करेंगे।