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भोपाल

50 साल पहले अमिताभ बच्चन को किसने कह दिया था ‘सदी का महानायक’

संग्रहालय दिवस के मौके पर प्रस्तुत है उस लेटर का किस्सा, जो दुष्यंत कुमार ने बिग बी अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) को लिखा था…। 50 साल पहले बता दिया था ‘सदी का महानायक…।’

भोपालMay 18, 2024 / 08:57 am

Manish Gite

indian poet dushyant kumar letter to amitabh bachchan
indian poet dushyant kumar letter. आंदोलन, अनशन और जनजागृति की सभाओं को धार देने के लिए अक्सर वक्ता दुष्यंत कुमार की गजलों और शेरों को पढ़ते हैं, जिससे व्यक्तिगत छवि में ओजपन और माहौल में क्रांति आ जाती है। इन्हीं दुष्यंत कुमार का भोपाल से गहरा नाता है। वे मध्यप्रदेश संस्कृति मंत्रालय के भाषा विभाग में सहायक संचालक थे, जिसका दफ्तर भोपाल में ही था। 30 दिसंबर 1975 को उनका असमय निधन हुआ था। आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक रहे राजुरकर राज ने अथक प्रयासों से 30 दिसंबर 1997 को दुष्यंत दुष्यंत संग्रहालय बनाया। राजुरकर ने घर के दो कमरों से संग्रहालय की शुरुआत की थी। आज ये संग्रहालय वृहद रूप में सुसज्जित ऑडिटोरियम के साथ मौजूद है।
बता दें कि संग्रहालय के लोकार्पण में दुष्यंत कुमार की पत्नी राजेश्वरी त्यागी और बड़े बेटे आलोक त्यागी आए थे, जिन्होंने संग्रहालय को पूरा सहयोग दिया। इस संग्रहालय की खासियत है कि यहां दुष्यंत कुमार के साथ ही कई बड़े साहित्यकारों की रचनाओं को सहेजकर रखा गया है। संग्रहालय में कई बड़े साहित्यकर्मियों की पुस्तकें, हाथ की लिखावट, पांडुलिपि, कलम, टाइप राइटर और चश्मे आदि चीजों को संजो कर रखा गया है।

बड़े साहित्यकारों के ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध

संग्रहालय में माखनलाल चतुर्वेदी, हरिवंश राय बच्चन, शरद जोशी, वीरेंद्र मिश्र, भवानी प्रसाद मिश्र, मैथिलीशरण गुह्रश्वत, महादेवी वर्मा, दुष्यंत कुमार और फणीश्वर नाथ रेणु सहित अनेक कालजयी रचनाकारों के ऑडियो रिकार्डिंग भी हैं। इस संग्रहालय को देखने के लिए बशीर बद्र, तसनीमा नसरीन, नामवर ङ्क्षसह, जया बच्चन, यशपाल शर्मा, टाम अल्टर, कन्हैयालाल नंदन, अशोक चक्रधर, रघुवीर यादव और लीलाधर मंडलोई सहित कई प्रसिद्ध लोग आ चुके हैं।
indian poet dushyant kumar letter

क्या-क्या है खास

शिवाजी नगर स्थित इस अनोखे संग्रहालय में पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की दरी, दुष्यंत कुमार का कोट, जूता, चश्मा, घड़ी, बंदूक का लाइसेंस, हवाई यात्रा का टिकट, बाबू गुलाब राय के वस्त्र, जहूर बख्श, शिवमंगल ङ्क्षसह सुमन, विष्णु प्रभाकर की कलम आदि धरोहरें संग्रहित हैं। इतना ही नहीं, संग्रहालय में काका हाथरसी का टाइपराइटर, नरेश मेहता की चौकी और छतरी, भवानी प्रसाद मिश्र, फणीश्वर नाथ रेणु, शरद जोशी आदि लेखकों की हस्तलिखित धरोहर सहेजी गई हैं। इसके साथ ही यहां फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी ‘तव शुभ नामे’, दुष्यंत कुमार की गजल ‘साये में धूप’, कमलेश्वर जी द्वारा लिखा ‘आंधी’ उपन्यास और शरद जोशी का उपन्यास ‘अंधों का हाथी’ आदि की यहां हस्तलिखित मूल रचना हैं।
0- संग्रहालय में दुष्यंत कुमार का कोट भी रखा गया है, जिसे उन्होंने 20 दिसंबर 1975 को अंतिम बार पहना था। इस कोट को पहनकर वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर गए थे, जहां पर उन्होंने कवि सम्मेलन में भाग लिया था।
0-संग्रहालय में 197 साल पुरानी हस्तलिखित गीता उपलब्ध है। इसे पंडित ईशनारायण जोशी ने 1827 में लिखा था, जो आधुनिुक हिन्दी कविता के जाने-माने कवि राजेश जोशी के पिता हैं।

dushyant kumar latter

इसी शख्स ने कहा था सदी का महानायक

अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक पचास साल पहले ही कह दिया गया था। बात 70 के दशक की है जब अमिताभ बच्चन की फिल्म हिट होना शुरू ही हुई थी और जब उनकी फिल्म दिवार भोपाल में रिलीज हुई तो इस फिल्म में अमिताभ की एक्टिंग, किरदार और हाव-भाव देखकर कह दिया था यह व्यक्ति आगे चलकर ‘सदी का महानायक’ बनेगा। कवि दुष्यंत कुमार ने अमिताभ की कला को पहचान लिया था। उन्होंने उनकी एक्टिंग से प्रभावित होकर एक पत्र प्रिय अमित कहकर लिखा। संग्रहालय में दुष्यंत कुमार द्वारा अमिताभ बच्चन को लिखा पत्र भी है, जो उन्होंने दीवार फिल्म देखने के बाद लिखा था। इसी साल दुष्यंत कुमार की मृत्यु हुई थी और इस पत्र को वे अमिताभ बच्चन को पोस्ट नहीं कर पाए थे। इस पत्र में उन्होंने हरिवंश राय बच्चन को याद किया था।
इस शख्स ने ही अमिताभ बच्चन को कहा था ‘सदी का महानायक’

बच्चन परिवार से थे रिश्ते

दुष्यंत ने अपने पत्र में अमिताभ की तुलना उस जमाने के स्टार शशि कपूर और शत्रुघ्न से भी की थी। उन्होंने कहा था कि शशि कपूर जैसा स्टार भी अमिताभ के आगे छोटा दिख रहा था। उन्होंने बच्चन के साथ इलाहाबाद में बिताए दिनों की याद दिलाते हुए लिखा था कि वे हिन्दी के महान कवि हरिवंशराय बच्चन के घर अक्सर जाते थे। दिल्ली के बंगले पर भी कई बार जाते थे, उस समय पता नहीं था कि हरिवंश राय बच्चन का बेटा इतने बड़े मुकाम पर पहुंच जाएगा और उन्हें एक यह पत्र लिखना पड़ेगा।

संग्रहालय में हैं बाबूजी के 50 पत्र

दुष्यंत ने अमित को यह पत्र स्वयं के हाथों से लिखा था। इसके अलावा संग्रहालयमें हरिवंश राय बच्चन के हाथों से लिखे 50 पत्र भी मौजूद हैं।

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