‘सनसनी फैलाने वाले लोगों से पूरी तरह परहेज करना जरूरी’
धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने यह बातें मुंबई में एल्फिन्स्टन टेक्निकल हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Democracy Day) पर संविधान मंदिर उद्घाटन (Samvidhan Mandir) समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्थाओं के प्रति अत्यंत सजग रहना चाहिए। वे मजबूत हैं, वे स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सनसनी फैलाने या राजनीतिक बहस के साथ कथा का केन्द्र बिंदू बनाने के लिए यदि हम ऐसा काम करते हैं तो संबंधित लोगों से पूरी तरह से परहेज करना जरूरी हो जाता है।Reservation पर पूर्वाग्रह का पैटर्न लौट रहा
धनखड़ ने कहा कि आरक्षण के खिलाफ जो मानसिकता थी, वह पूर्वाग्रह का पैटर्न वापस आ रहा है। संवैधानिक पद पर बैठा एक व्यक्ति विदेश में कहता है कि आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि आरक्षण संविधान की आत्मा है। सभाओं में राहुल गांधी के संविधान (Constitution of India) दिखाने पर धनखड़ ने तंज करते हुए कहा कि संविधान दिखावे के लिए लहराने की चीज नहीं है। संविधान का सम्मान, पढ़ा और समझा जाना चाहिए। कितना विडंबनापूर्ण है कि कुछ विदेश यात्राओं का एकमात्र उद्देश्य इन कर्तव्यों की अनदेखी करना है। सार्वजनिक रूप से भारतीय संविधान की आत्मा को तार-तार करना रह गया है।राजनीतिक बहस को मिल सकती है हवा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सीबीआई (CBI) से ‘पिजरे में बंद तोते की धारणा’ तोड़ने की टिप्पणी पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि हमारी सभी प्रकार की संस्थाएं, जिनमें चुनाव आयोग, जांच एजेंसियां शामिल है। वे कठिन परिस्थितियों में कार्य करती हैं। एक अवलोकन उन्हें निराश कर सकता है। यह राजनीतिक बहस को हवा दे सकता है।यह भी पढ़ें – हरियाणा में BJP के बाद अब Congress में भी बगावत, पार्टी छोड़ने वाले इस नेता ने किया कांग्रेस कैंडिडेट से दोगुना वोट लाने का दावा