यह भी पढ़ें – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भाग्य का 3 जून को होगा फैसला
बिजली रेट बढ़ाने का ये है आधार
फिलहाल ऊर्जा निगम इस पर मसौदा तैयार कर रहा है। ऊर्जा निगम पूरे देश में बिजली संकट और बाजार से सस्ती बिजली उपलब्ध न होने को उत्तराखंड में दर बढ़ाने का आधार बना रहा है। ऊर्जा निगम की ओर से जो तर्क दिया गया है उसके मुताबिक 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है, जबकि जनता को बिजली के लिए सिर्फ चार रुपए ही चार्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में इस अंतर की वजह से निगम पर हर महीने करीब 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। बिजली संकट के बीच ये भार और भी ज्यादा मुश्किल बढ़ा रहा है।
यूपीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग को भेजने के लिए रेट बढ़ाने का प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया है।माना जा रहा है कि, जल्द ही इसे भेज कर इस पर मंजूरी मांगी जाएगी। अगर मंजूरी मिल जाती है तो उत्तराखंडवासियों को बिजली की बढ़ी हुई दरों के साथ एक और बड़ा झटका मिलेगा।
यूपीसीएल प्रति यूनिट करीब पांच पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव बना रहा है। इस तरह एक महीने में 200 यूनिट तक बिजली खर्च होने की स्थिति में उपभोक्ताओं पर प्रति बिल दस रुपए का अतिरिक्त भार पड़ने की उम्मीद है।
यूपीसीएल मैनेजमेंट ने अपनी आर्थिक स्थिति से सरकार को भी अवगत करा दिया है। सरकार से भी यूपीसीएल ने टैरिफ रिवाइज किए जाने का प्रस्ताव आयोग को भेजे जाने की मंजूरी मांगी। जिस पर सहमति मिल चुकी है।
ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, यूपीसीएल को कहा गया है कि आयोग में टैरिफ रिवाइज किए जाने का प्रस्ताव भेजा जाए।
यह भी पढ़ें – दो हिंदू बहनों ने ईदगाह के लिए दान की 1.5 करोड़ की जमीन, भावुक कर देगी वजह