UCC को लेकर क्या बोले थे पुष्कर सिंह धामी
इस संबंध में पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में कहा था, “यह कानून समानता, एकरूपता और समान अधिकार का है। इसे लेकर कई तरह की शंकाएं थीं, लेकिन विधानसभा में दो दिन की चर्चा से सब कुछ स्पष्ट हो गया। यह कानून किसी के खिलाफ नहीं है। यह उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें सामाजिक कारणों से परेशानी का सामना करना पड़ता है।” उन्होंने आगे कहा था, “इससे उनका (महिलाओं का) आत्मविश्वास मजबूत होगा। यह कानून महिलाओं के समग्र विकास के लिए है।”
लिव-इन रिलेशन के नियम का विरोध
इसके अंदर शादी से लेकर जमीन-जायदाद में हिस्सेदारी और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। इस कानून में लिव-इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को लेकर यह कहा गया है कि वह ऐसी स्थिति में अपना पंजीकरण कराएं ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में शासन-प्रशासन के द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसको लेकर खूब विरोध किया गया। इस कानून का विरोध करने वाले लोग पहले तो यह मान ही नहीं रहे थे कि लिव इन रिलेशन जैसी कोई चीज होती है और अगर होती भी है तो इसकी जानकारी शासन-प्रशासन को देना और इसको रजिस्टर्ड कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। क्योंकि किसी के साथ किसी के संबंधों की जानकारी निजी होती है ऐसे में इसे शासन-प्रसासन को मुहैया कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है।