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अक्टूबर में लागू होगी UCC, सभी निजी कानूनों को कर दिया जाएगा समाप्त

UCC : उत्तराखंड की धामी सरकार ने 27 मई 2022 को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी।

नई दिल्लीAug 10, 2024 / 06:12 pm

Paritosh Shahi

UCC implemented
UCC: उत्तराखंड में इस साल अक्टूबर में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक यूसीसी लागू करने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संकेत दिए थे कि प्रदेश में जल्द ही UCC लागू किया जा सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयक को इस साल मार्च में ही मंजूरी दे चुकी हैं। UCC के तहत अब राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकारी और लिव इन रिलेशनशिप को नियंत्रित किया जाएगा। UCC के लागू होने के बाद प्रदेश के सभी निजी कानूनों को समाप्त कर दिया जाएगा।

UCC को लेकर क्या बोले थे पुष्कर सिंह धामी

इस संबंध में पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में कहा था, “यह कानून समानता, एकरूपता और समान अधिकार का है। इसे लेकर कई तरह की शंकाएं थीं, लेकिन विधानसभा में दो दिन की चर्चा से सब कुछ स्पष्ट हो गया। यह कानून किसी के खिलाफ नहीं है। यह उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें सामाजिक कारणों से परेशानी का सामना करना पड़ता है।” उन्होंने आगे कहा था, “इससे उनका (महिलाओं का) आत्मविश्वास मजबूत होगा। यह कानून महिलाओं के समग्र विकास के लिए है।”

लिव-इन रिलेशन के नियम का विरोध

इसके अंदर शादी से लेकर जमीन-जायदाद में हिस्सेदारी और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। इस कानून में लिव-इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को लेकर यह कहा गया है कि वह ऐसी स्थिति में अपना पंजीकरण कराएं ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में शासन-प्रशासन के द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसको लेकर खूब विरोध किया गया। इस कानून का विरोध करने वाले लोग पहले तो यह मान ही नहीं रहे थे कि लिव इन रिलेशन जैसी कोई चीज होती है और अगर होती भी है तो इसकी जानकारी शासन-प्रशासन को देना और इसको रजिस्टर्ड कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। क्योंकि किसी के साथ किसी के संबंधों की जानकारी निजी होती है ऐसे में इसे शासन-प्रसासन को मुहैया कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है।

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