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अब दो राज्यों में बटेगी तिरुपति बालाजी की संपत्ति! मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद उठने लगी आवाज

Tirupati Balaji: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बंटवारे से जुड़े मुद्दे पर शनिवार को हुई सीएम रेवंत रेड्डी और सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू की बैठक पर विवाद छिड़ गया है।

हैदराबादJul 07, 2024 / 05:26 pm

Prashant Tiwari

हिंदू धर्म में मंदिरों का खास महत्व हैं। आम से लेकर खास सभी लोग ईश्वर के दरबार में पहुंचते हैं और अपने शक्ति के अनुसार दान भी देते हैं। और इसी दान से होती है राज्य के साथ ही केंद्र सरकार की कमाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के पहाड़ी शहर तिरुमाला में स्थित भगवान तिरुपति का मंदिर न सिर्फ भारत के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल हैं। बल्कि इससे होने वाली आय को लेकर अब दो राज्य सरकारे आमने सामने आ गई हैं। दरअसल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बंटवारे से जुड़े मुद्दे पर शनिवार को हुई सीएम रेवंत रेड्डी और सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू की बैठक पर विवाद छिड़ गया है। YSRCP नेता विजय साई रेड्डी ने सोशल मीडिया पर बैठक में चर्चा हुए मुद्दे पर सवाल उठाए हैं।
बटेगा तिरुपति बालाजी के कमाई का हिस्सा!

वाईएसआरसीपी नेता विजय साई रेड्डी ने सोशल मीडिया एक्स पर शनिवार को हुई मीटिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या यह अफवाह सच है कि तेलंगाना टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) में हिस्सेदारी के साथ-साथ आंध्र के समुद्र तट और बंदरगाहों पर हिस्सेदारी के लिए नजर गड़ाए हुए है? तो मैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि वह हैदराबाद के रेवेन्यू में हिस्सेदारी मांगे। एपी सरकार को दो मुख्यमंत्रियों की दोस्ती को आंध्र प्रदेश के लोगों के हितों से ऊपर नहीं रखना चाहिए।
TTD में हिस्सा मांग रही हैं तेलंगाना सरकार

बता दें कि इन दिनों अफवाह है कि तेलंगाना सरकार आंध्र प्रदेश में मौजूद कृष्णापट्टनम, मछलीपट्टनम और गंगावरम बंदरगाहों में एक हजार किलोमीटर लंबे कोस्टलाइन के साथ-साथ तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के रेवेन्यू में से हिस्सा मांग रही है। बता दें कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद हैदराबाद जैसा शहर जहां तेलंगाना के हिस्से में आया तो वहीं, TTD आंध्र प्रदेश के हिस्से में आया था।
Tirupati Balaji earnings will divided between Andhra Pradesh and Telangana
सूबे की संपत्ती को लेकर चल रहा है विवाद 

बता दें कि अविभाजित आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद 2 जून, 2014 को तेलंगाना का गठन किया गया था। बंटवारे के दस साल बाद भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच संपत्ति का विभाजन, सरकारी संस्थानों का बंटवारा, बिजली बिल बकाया और बचे हुए कर्मचारियों का उनके मूल राज्यों में हस्तांतरण जैसे मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा है।
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