बिल में प्रावधान किया गया है कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक वाले दिन राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचना जारी होगी। यह नियत तारीख कहलाएगी और इससे लोकसभा के साथ सभी विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल का तय हो जाएगा। बिल में प्रावधान है कि इस नियत तारीख के बाद हुए विधानसभाओं के निर्वाचन लोकसभा की पूर्ण अवधि पर समाप्त हो जाएंगे। यानी नियत तारीख 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद की होती है तो इसके बाद होने वाले सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 2034 में लोकसभा के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इसके चलते कई राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल का नहीं हो सकेगा। इनमें महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली, बिहार, तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मणिपुर समेत कई अन्य राज्य शामिल है।
प्रावधान पर असमंजस
चार महीने पहले पांच और सवा साल पहले 6 राज्यों में चुनाव लोकसभा चुनाव से करीब चार से पांच महीने पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव होते हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनाव से एक से डेढ़ साल पहले कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होते हैं। पूर्ण बहुमत की सरकार रही तो दिसंबर 2032 से दिसंबर 2033 सवा साल में इन राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं बिल के प्रस्ताव के अनुसार 2034 लोकसभा चुनाव में यहां फिर से विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। इतनी जल्दी चुनाव के चलते इस प्रावधान पर असमंजस बना हुआ है। इसको लेकर खासी सियासत हो सकती है।
राज्यों में विधानसभा चुनाव समय
प्रदेश अगला विधान सभा चुनाव महाराष्ट्र नवंबर 2029 झारखंड नवंबर 2029 दिल्ली फरवरी 2025, फरवरी 2030 बिहार नवंबर 2025, नवंबर 2030 तमिल नाडु अप्रैल 2026, अप्रैल 2031 पश्चिम बंगाल अप्रैल 2026, अप्रैल 2031 असम अप्रैल 2026, अप्रैल 2031 केरल अप्रैल 2026, अप्रैल 2031 उत्तरप्रदेश फरवरी 2027, फरवरी 2032 उत्तराखंड फरवरी 2027, फरवरी 2032 पंजाब फरवरी 2027, फरवरी 2032
मणिपुर फरवरी 2027, फरवरी 2032 गुजरात नवंबर 2027, नवंबर 2032 हिमाचल प्रदेश नवंबर 2027, नवंबर 2032 लोकसभा के पूर्व महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पी डी टी आचार्य ने कहा कि मौजूदा बिल के प्रावधान से कई राज्यों के विधानसभाओं का कार्यकाल प्रभावित हो सकता है। 2029 लोकसभा चुनाव के बाद यदि मौजूदा बिल अमल में आया तो 2029 से 2034 के बीच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन इन राज्यों का कार्यकाल 2034 तक सीमित रहेगा।