बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा कार्यवाही में भाग ले रहे हैं लेकिन, इस सत्र में अब तक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नजर नहीं आए। अब यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर तेजस्वी यादव कहां हैं? सत्ता पक्ष अब इसे लेकर पूछ रहा है कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक पद है, ऐसे में उनका गायब होना लोकतंत्र के प्रति उनके विश्वास को दिखाता है।
राजद के ‘युवराज’ लापता मानसून सत्र के दौरान सदन में तेजस्वी के मौजूद न रहने पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राजद के ‘युवराज’ लापता हैं। राजद के विधायकों तक को पता नहीं है कि वे कहां हैं। मानसून सत्र की तिथि करीब 20 दिन पहले घोषित कर दी गयी थी, उसके बाद नेता प्रतिपक्ष को इस सत्र से गायब होना उनकी लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाती है।’ नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक पद होता है। केवल ट्विटर पर अपनी बात रखकर वे अपनी उपस्थिति बनाए रखना चाहते हैं।
युवराज को सब कुछ विरासत में मिला-डिप्टी सीएम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा था कि विधानसभा का महत्वपूर्ण मानसून सत्र चल रहा है और ‘युवराज’ ही गायब हैं। इन्हें लोकतंत्र से प्रेम नहीं है। उन्हें यह सब कुछ विरासत में मिला है, लेकिन उसे भी वे नहीं संभाल पा रहे हैं। विधानसभा के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल लाए गए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नदारद रहे। इस संबंध में राजद का कोई नेता खुलकर जवाब नहीं दे रहा है। राजद के नेता हालांकि इतना जरूर कहते हैं कि गुरुवार को उनके लौटने की उम्मीद है।
हर चीज पर राजनीति ठीक नहीं-आरजेडी वहीं, अब सत्ता पक्ष की तरफ से सवाल उठाए जाने के बाद राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी व्यक्तिगत व्यस्तता भी होती है, ऐसे में सवाल उठाया जाना समझ से परे है। प्रत्येक चीज पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बता दें कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई तक चलेगा।