पहले जान लीजिए बिहार विधानसभा का समीकरण
बिहार विधानसभा 243 सदस्यों वाला सदन है। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 122 विधायकों की जरुरत होती है। फिलवक्त बिहार विधानसभा में लालू यादव की आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, भाजपा के पास कुल 78 विधायक है। इसका मतलब साफ है कि दोनों ही पार्टियां अपने दम पर तो सरकार नहीं बना सकती। सरकार बनाने के लिए दोनों को ही 122 विधायकों की जरुरत होगी।
कुछ यूं रहा था 2020 का विधानसभा चुनाव का परिणाम
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लालू की राजद ने कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 114 सीटों पर जीत दर्ज किया था। वहीं, नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव जीतने में सफल रहे थे। फिलहाल बिहार में आरजेडी के 79, भाजपा के 78, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई के 2, सीपीआई (एम) के 2, निर्दलीय 1, हम के 4, मजलिस के 1 और 1 अन्य के पास विधायक है।
ऐसे सीएम बन सकते हैं तेजस्वी यादव
ऐसा नहीं है कि बिहार में बिना नीतीश कुमार के सरकार नहीं बन सकती। फिलहाल तेजस्वी यादव के पास आरजेडी के 79 कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायकों का समर्थन हैं। अगर इन सभी को जोड़ दे तो आंकड़ा पहुंचता है 114, वहीं, सरकार बनाने के लिए सिर्फ 8 विधायकों की जरुरत पड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने जीतन राम मांझी को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। अगर वो लालू के साथ आते है तो उनकी 4 सीट और आ जाएंगा। जिससे पार्टी 118 पर पहुंच जाएगी।
वहीं, बताया जा रहा है कि ऐसी परिस्थिती में ओवैसी की पार्टी का एकमात्र विधायक लालू यादव के साथ जाएगा और फिर 3 विधायकों की जरुरत होगी। वहीं, बताया ये भी जा हा है कि नीतीश के कई विधायक लालू यादव के साथ है ऐसे में ये मानकर चला जा रहा है कि अगर सरकार गिरती है तो लालू यादव अपनी सरकार बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।