मिली जानकारी के अनुसार 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सेना में हिंसक झड़प हुआ। जिसमें भारतीय सेना की दृढ़ता के कारण चीन के 20 से ज्यादा सैनिक घायल बताए जा रहे हैं। भारत के भी आधा दर्जन सैनिक घायल हुए हैं। घटना के बाद भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि सीमा पर शांति बहाल करने के लिए दोनों देशों के कमांडर्स के बीच फ्लैग-मीटिंग हुई है।
ओपन सोर्स इंटेलीजेंस एकाउंट, डायमेन सिमोन की ओर से जारी सैटेलाइट इमेज में यह साफ तौर पर दिख रहा है कि भारत-चीन सीमा (LAC) के पास चीन ने बॉर्डर विलेज को बसाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह गांव पूर्व-सैनिकों के लिए बनाया गया है। युद्ध के दौरान इन गांवों को सैनिकों के बैरक में आसानी से बदला जा सकता है। सैटेलाइट इमेज में इस बॉर्डर विलेज से एलएसी तक जाने वाली सड़क भी साफ तौर पर दिख रही है। जिसे चीन ने जुलाई 2022 में बनाया था।
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इस सैटेलाइट इमेज में भारतीय सेना की चार डिप्लोयमेंट दिखाई दे रही हैं। दो डिप्लोयमेंट एलएसी से बिल्कुल सटी हुई हैं और दो थोड़ी दूरी पर हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चीनी सेना ने एलएसी के करीब वाली लोकेशन पर ही 9 दिसंबर को हमला किया था जिसे भारतीय सेना ने पूरी तरह विफल कर दिया। इधर सेना सूत्रों के अनुसार इस झड़प में भारत का कोई भी सैनिक गंभीर रूप से जख्मी नहीं हुआ है।
दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपीर गाओ ने तवांग झड़प पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक समाचार एजेंसी से कहा, “मैंने सुना है कि भारतीय पक्ष में कुछ चोटों की सूचना मिली थी, लेकिन चीनी सैनिकों को बहुत अधिक चोटें आईं… सीमा पर भारतीय सैनिक एक इंच भी नहीं हिलेंगे… घटना निंदनीय है…।” इधर समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन के कुल 300 सैनिक आए थे। इस झड़प में छह भारतीय सैनिक घायल हुए हैं। जिन्हें गुवाहटी अस्पताल में लाया गया है।
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