scriptसुप्रीम कोर्ट ने कहा, नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार का फैसला सही, सभी याचिकाएं खारिज | Supreme Court verdict Central government decision on demonetisation is correct all petitions dismissed | Patrika News
राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार का फैसला सही, सभी याचिकाएं खारिज

Supreme Court verdict demonetisation नोटबंदी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के निर्णया को क्लीन चिट दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार का फैसला सही है। इसके साथ ही कोर्ट ने demonetisation से सम्बंधित सभी याचिकाएं खारिज कर दी।

Jan 02, 2023 / 11:42 am

Sanjay Kumar Srivastava

supreme_court1.jpg

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार का फैसला सही, सभी याचिकाएं खारिज

नोटबंदी पर केंद्र सरकार का फैसला सही है या गलत। आज नए साल 2023 के दूसरे दिन यानि 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ कर दिया है। नोट बंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को क्लीन चिट दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि, केंद्र सरकार का नोटबंदी का फैसला सही है। इस निर्णय के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाएं ख़ारिज कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, सरकार और आरबीआई के बीच छह महीने तक बातचीत हुई थी। उन्होंने कहाकि, नोटबंदी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। वे बेहद ही पाक साफ हैं। नोट बंदी के लिए केंद्र सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है। नोटबंदी के खिलाफ करीब 58 याचिका दाखिल की गई है।
सभी दलीलें सुनने के बाद 7 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखा

केंद्र सरकार ने नवंबर 2016 में 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया गया था। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने याचिकाकर्ताओं, केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद 7 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस नज़ीर 4 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से दिया फैसला

न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने यह फैसला सुनाया। फैसला सर्वसम्मति से हुआ है। पीठ में जस्टिस गवई और नागरत्न के अलावा जस्टिस नजीर, ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन थे।
नोटबंदी से पहले केंद्र-आरबीआई में हुआ था सलाह-मशविरा

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इस तरह के उपाय को लाने के लिए एक उचित सांठगांठ थी और हम मानते हैं कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी। आरबीआई के पास नोटबंदी लाने का कोई अधिकार नहीं है और केंद्र तथा आरबीआई के बीच परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया।
प्रक्रिया से संबंधित रिकॉर्ड मांगा

बेंच में जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम भी शामिल हैं, जिन्होंने सरकार और RBI को 8 नवंबर 2016 की अधिसूचना के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा था।
नोटबंदी की निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, याचिकाकर्ताओं का तर्क

याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलीलों में तर्क दिया था कि आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 26 (2) में नोटबंदी की निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
नोटबंदी के विरोध में थी 58 याचिका

नोटबंदी को गलत और त्रुटिपूर्ण बताते हुए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने तर्क दिया था कि, सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है। यह सिर्फ आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है।

Hindi News / National News / सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार का फैसला सही, सभी याचिकाएं खारिज

ट्रेंडिंग वीडियो