सुप्रीम कोर्ट ने किस संदर्भ में की टिप्प्णी
जस्टिस अभय एस.ओका, जस्टिस ए.अमानुल्लाह और जस्टिस एजे मसीह की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले में सैशन जज के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को रद्द करने को दायर याचिका पर फैसले में यह टिप्पणी की। बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले से ये टिप्पणियां हटाने के निर्देश दिए।व्यक्तिगत आलोचना से बचें : SC
सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट को निचली अदालत के आदेशों को रद्द करते समय न्यायिक अधिकारियों की व्यक्तिगत आलोचना से बचना चाहिए। कई अच्छे फैसले लिखने के बाद जज काम के दबाव या अन्य कारणों से किसी फैसले में गलती कर सकता है।यह भी पढ़ें – Supreme Court: ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट ने मां, पत्नी और बेटी की हत्या के आरोपी को मृत्यदंड की दी थी सजा, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कर दिया बरी?