scriptSupreme Court ने हाई कोर्ट का फैसला पलटा! कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया था बरी और किशोरियों को “यौन इच्छाओं पर नियंत्रण” रखने की दी थी सलाह | Supreme Court overturns calcutta High Courts decision The court had acquitted the rape accused and advised teenage girls to control their sexual desires | Patrika News
राष्ट्रीय

Supreme Court ने हाई कोर्ट का फैसला पलटा! कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया था बरी और किशोरियों को “यौन इच्छाओं पर नियंत्रण” रखने की दी थी सलाह

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रेप आरोपी को बरी करने और किशोरियों को दी गई सलाह पर घोर आपत्ति जताई और पूर्व के फैसले को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

नई दिल्लीAug 20, 2024 / 01:59 pm

स्वतंत्र मिश्र

Supreme Court

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें उसने यौन उत्पीड़न मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया था और किशोरियों को “यौन आग्रह पर नियंत्रण” (adolescent girls to control sexual urges) रखने की सलाह देते हुए “आपत्तिजनक” टिप्पणियां की थीं। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि उसने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामलों से निपटने के लिए अधिकारियों के लिए कई निर्देश पारित किए हैं। पीठ की ओर से फैसला सुनाने वाले न्यायमूर्ति ओका (Justice Oka) ने कहा कि अदालतों द्वारा फैसले कैसे लिखे जाने चाहिए, इस पर भी निर्देश जारी किए गए हैं।

कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला पूरी तरह से अनुचित: SC

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 8 दिसंबर को फैसले की आलोचना की और उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को “अत्यधिक आपत्तिजनक और पूरी तरह से अनुचित” करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का संज्ञान लिया था और स्वयं एक रिट याचिका शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी याचिका में यह कहा था कि न्यायाधीशों से निर्णय लिखते समय “उपदेश” देने की अपेक्षा नहीं की जाती है।

उच्च न्यायालय ने की थी यह आपत्तिजनक टिप्पणियां

पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर, 2023 के फैसले को भी चुनौती दी थी जिसमें ये “आपत्तिजनक टिप्पणियाँ” की गई थीं। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि महिला और किशोरियों को “यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए” क्योंकि “समाज की नज़र में वह हार जाती है जब वह मुश्किल से दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाती है”। उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसे यौन उत्पीड़न के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई थी। उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति को बरी कर दिया था।

SC ने हाई कोर्ट के फैसले को इसलिए किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को मामले की सुनवाई करते हुए यह पाया था कि उच्च न्यायालय के फैसले में कुछ पैराग्राफ “समस्याग्रस्त” थे और इस तरण निर्णय लिखना “बिल्कुल गलत” था। पिछले साल 8 दिसंबर को पारित अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का उल्लेख किया और कहा था, “प्रथम दृष्टया, उक्त टिप्पणियां पूरी तरह से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के तहत किशोरियों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों का उल्लंघन हैं।”

Hindi News/ National News / Supreme Court ने हाई कोर्ट का फैसला पलटा! कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया था बरी और किशोरियों को “यौन इच्छाओं पर नियंत्रण” रखने की दी थी सलाह

ट्रेंडिंग वीडियो