सिसोदिया के कारण हुई कार्यवाही में देरी पिछले साल 30 अक्टूबर को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले तीन महीने में मुकदमा धीमी गति से आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। उधर, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जो दूसरी बार रेगुलर बेल मांग रहे थे। जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि मामले की कार्यवाही में देरी काफी हद तक सिसोदिया के कारण ही हुई है।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी याचिका इसके बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत आवश्यक दोहरी शर्तों को वो पूरा नहीं करते। इसे चुनौती देते हुए सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।
फरवरी 2023 में गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया पिछले महीने, शीर्ष अदालत में सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा था कि शराब नीति मामले में अंतिम आरोप पत्र/शिकायत 3 जुलाई तक दायर की जाएगी। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति संजय कुमार ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था। सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।