पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त प्रयास
आईजीपी वीके बिरदी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है, जिसकी पहचान उस्मान के रूप में हुई है। वह एलईटी का कमांडर था। इस दौरान चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। वह एक विदेशी आतंकवादी है और इंस्पेक्टर मसरूर की हत्या में उसकी भूमिका और संलिप्तता सामने आई है। इस संबंध में आगे की जांच की जा रही है। आतंकवाद विरोधी अभियान में स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का संयुक्त प्रयास शामिल था। ऐसे बनाई रणनीति
उस्मान घाटी के इलाके से अच्छी तरह वाकिफ था। अधिकारियों ने बताया कि जब खुफिया जानकारी मिली कि उस्मान रिहायशी इलाके में मौजूद है, तो ऑपरेशन को बिना किसी नुकसान के सफल बनाने के लिए नौ घंटे की योजना बनाई गई। इलाके में आवारा कुत्तों की मौजूदगी एक बड़ी चिंता का विषय थी। यह अनुमान लगाया गया था कि इन कुत्तों के भौंकने से आतंकवादी सतर्क हो सकते हैं।
बिस्कुट ने आतंकवाद रोधी अभियान में अहम भूमिका निभाई
इसके लिए कुत्तों को शांत करने के लिए सर्च टीमों को बिस्कुट दिए गए थे। पूरी तैनाती फजर (सुबह की नमाज) से पहले की गई थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने 30 घरों के समूह की घेराबंदी की थी। उस्मान एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड से लैस था। वह सुरक्षा बलों के साथ भीषण गोलीबारी में शामिल हो गया। कई घंटों की भीषण गोलीबारी के बाद उस्मान मारा गया। मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए। बताया जा रहा है कि उनकी हालत स्थिर है।
कई आतंकी हमलों को अंजाम देने में निभाई अहम भूमिका
आपको बता दें कि उस्मान साल 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी शुरुआती गतिविधि के बाद से कई आतंकी हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा था। पाकिस्तान में कुछ समय बिताने के बाद, वह 2016-17 के आसपास फिर से इस क्षेत्र में घुसपैठ कर आया था और पिछले साल पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या करने में उसका नाम शामिल था।