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Special Report : ‘इंडिया’ गठबंधन में लेह-कारगिल की नुमाइंदगी से फंसा पेंच, जानिए पूरा समीकरण

Special Report : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की इकलौती लोकसभा सीट पर विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में लेह या कारगिल से नुमाइंदगी को लेकर पेच फंस गया है।

नई दिल्लीMay 15, 2024 / 07:25 am

Shaitan Prajapat

Special Report : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की इकलौती लोकसभा सीट पर विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में लेह या कारगिल से नुमाइंदगी को लेकर पेच फंस गया है। गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की पूरी कारगिल इकाई ने लद्दाख लोकसभा क्षेत्र के लिए सहयोगी कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने के बजाय इस्तीफा दे दिया है। एनसी के ये स्थानीय नेता चाहते हैं कि इस बार उनका सांसद कारगिल क्षेत्र से जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने फिर से लेह क्षेत्र से त्सेरिंग नामग्याल को प्रत्याशी बना दिया है। ये असंतुष्ट अब एनसी की ओर से पहले घोषित प्रत्याशी हाजी मोहम्मद हनीफा जान को समर्थन दे रहे हैं। इस सीट पर 20 मई को मतदान होगा।

स्थानीय इकाई ने उतारा प्रत्याशी

एनसी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे में लद्दाख सीट कांग्रेस के हिस्से में आई थी। कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करती उससे पहले ही एनसी की स्थानीय इकाई व कारगिल के लोगों ने एनसी जिला अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हनीफा जान को सर्वसम्मति से उम्मीदवार घोषित कर दिया। बाद में कांग्रेस ने लेह के त्सेरिंग नामग्याल को प्रत्याशी बनाया तो इन लोगों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया। हालांकि एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी के लद्दाख चैप्टर को व्हिप जारी कर कांग्रेस उम्मीदवार नामग्याल का समर्थन करने का निर्देश दिया। कुछ घंटों बाद ही एनसी के अतिरिक्त महासचिव कमर अली अखून ने प्रेस वार्ता कर कारगिल इकाई के सामूहिक इस्तीफे और हनीफा जान के समर्थन की घोषणा की।

लगातार लेह क्षेत्र से सांसद

दरअसल पिछले दो चुनाव से इस सीट पर लेह क्षेत्र का सांसद ही चुना जा रहा है। कारगिल के लोगों, खासकर एनसी के समर्थकों का आरोप है कि संसद में लगातार लेह का वाशिंदा पहुंचने से विकास व सुविधाओं में कारगिल की उपेक्षा होती है। मुस्लिम बहुल कारगिल क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि इंडिया गठबंधन की ओर से कारगिल क्षेत्र का प्रत्याशी उतार जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो वह विरोध में उतर आए।

लद्दाख की राजनीति भाजपा हावी

लेह से भाजपा नेता थुपस्तान छेवांग ने 2004 और 2014 में लद्दाख सीट जीती। उन्होंने क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली धार्मिक निकाय, लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और पर्वतीय परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईसी) भी रहे। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के ही जाम्यांग नामग्याल जीते। इस बार फिर भाजपा ने पर्वतीय परिषद के सीईसी ताशी नामग्याल को उतारा है।

दो क्षेत्र, गणित अलग

दरअसल इस सीट में लेह और कारगिल दो क्षेत्र आते हैं जहां राजनीतिक व मतदाताओं का गणित अलग है। लेह बौद्ध बहुल है तो कारगिल में शिया मुस्लिमों का बाहुल्य है। कारगिल क्षेत्र में 95,928 तो लेह क्षेत्र में 88,875 मतदाता हैं।

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