एमएससीआइ इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में भारत का वेटेज अगस्त में बदलाव के बाद बढक़र 19.8% हो गया, जबकि चीन का वेटेज घटरप 24.2% रह गया है। भारत का वेटेज दिसंबर 2020 के 9.2% से लगातार बढ़ा है, जबकि चीन का वेटेज 39.1% से काफी कम हो गया है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा, वेटेज में बढ़ोतरी का मतलब है कि विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ेगा। भारत का वेटेज उभरते बाजारों के औसत पोर्टफोलियो में कम होने से घरेलू बाजार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए और भी बेहतर है।
विदेशी निवेशकों इनके स्टॉक्स पसंद
सेक्टर निवेश
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 5,297
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 4,529
आइटी सर्विसेज 4,251
फाइनेंशियल सेक्टर्स 2,782
ऑयल एंड गैस 2,518
हेल्थकेयर 2,369
कंज्यूमर सर्विसेज 1,962
एफमसीजी 1,815
(निवेश राशि करोड़ रुपए में)
तेजी का शिखर आना अभी बाकी
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषक रिधम देसाई ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार में कोई भी करेक्शन बहुत हल्का होगा। बाजार में तेजी जारी रहेगी, क्योंकि फिस्कल कंसोलिडेशन प्राइवेट उधारी और खर्च को बढ़ावा देगा, जिससे आय में वृद्धि के अगले चरण की शुरुआत होगी और विदेशी निवेश में इजाफा होगा। उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि भारतीय बाजार के लिए तेजी का शिखर आना अभी बाकी है और इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में इसकी हिस्सेदारी बढऩे की गुंजाइश बनी हुई है। जापान के बाद भारत मॉर्गन स्टेनली का पसंदीदा बाजार बना हुआ है।
बड़े प्राइवेट बैंकों में निवेश करने की सलाह
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बाजार में संभावित गिरावट के स्रोत फंडामेंटल और टेक्निकल हैं। हालांकि इस करेक्शन का मतलब यह नहीं है कि बुल मार्केट का दौर खत्म हो जाएगा। बाजार का वैल्यूएशन अधिक होने और अमरीका में तेज बिकवाली होने पर भारतीय बाजार में भी करेक्शन देखने को मिल सकता है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने निवेशकों को सरकारी और मिड साइज प्राइवेट बैंकों की बजाय बड़े प्राइवेट बैंकों में निवेश करने की सलाह दी। साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि निवेशकों के लिए ज्यादा सिलेक्टिव होने का वक्त आ गया है।