सीएम केजरीवाल ने पहली बैच को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कॉम्पटीशन काफी कड़ा था 18000 बच्चों ने इस एंट्रेन्स में हिस्सा लिया था। जिनमें से चंद बच्चों को मौका मिला है। कई बार इस बात का घमंड आ जाता है कि मैं तो क्वालिफाई करके आया हूं। लेकिन ऐसा कभी होने मत देना।
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सीएम केजरीवाल ने बताया कि जब मैं आईआईटी में पढ़ता था तो सिर्फ 30 रुपए फीस होती थी। कई बच्चे पढ़कर बाहर चले गए विदेश चले गए। साथी कहते थे, भारत में क्या रखा है। ऐसे सभी बाहर चले गए तो भारत की प्रगति कौन करेगा? ये हम सबको ही ठीक करना है। जैसा भी भारत देश हमारा है।
एक साल में ये तैयारी हुई और पहला बैच शुरू कर रहे हैं। आम तौर पर सपनों को अमल में लाने में सरकारी सिस्टम में समय लगता है, लेकिन जिस तरह केजरीवाल के नेतृत्व में टीम काम कर रही है, उससे ही पता चलता है कि, आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में ना सिर्फ दिल्ली बल्कि देश का बड़ा नाम होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई लोग मौजूद थे।
– विशेष आर्मी स्कूल में 9वीं और 10वीं क्लास में बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा
– आगे की पढ़ाई के साथ ही आर्मी में जाने के लिए भी तैयार किया जाएगा
– सिलेबस में अन्य विषयों के साथ आर्मी से जुड़ी बातों को भी विशेष तौर पर बताया जाएगा।
-नियमित रूप से फिजिकल ट्रेनिंग भी कोर्स में शामिल रहेगी
– बच्चों से इस दौरान फीस नहीं ली जाएगी और उनकी पूरी शिक्षा फ्री में रहेगी
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– स्कूल में एडमिशन के लिए दो फेज को पार करना होगा
– पहले फेज में टेस्ट होगा, इस टेस्ट के जरिए बच्चे के एकेडमिक्स को परखा जाएगा
– इसमें व्यावहारिक और स्कूल ज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे
– जो बच्चे इस टेस्ट में पास होंगे, उन्हें सैकंड फेज में इंटरव्यू से गुजरना होगा
– इंटरव्यू के दौरान यह परख जाएगा कि बच्चा आर्मी में जाने के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर सक्षम है या नहीं।