केंद्र शासित प्रदेश की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गिलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘गिलानी साहब के निधन की खबर से वे दुखी हैं। अधिकतर बातों पर वे सहमत नहीं थे, लेकिन वे उनकी दृढ़ता और विश्वास को लेकर सम्मान करती हैं। अल्लाहताला उन्हें जन्नत और उनके परिवार तथा शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रदान करें।
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कश्मीरी नेता सैयद अली शाह गिलानी (gilani kashmir latest news Breakout) का जन्म 29 सितंबर 1929 को हुआ। वह जम्मू-कश्मीर में एक पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी अलगाववादी नेता थे। वह पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे। मगर बाद में उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी समर्थक दलों के समूह, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में काम किया। 1972, 1977 और 1987 में जम्मू-कश्मीर के सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से वे विधायक भी थे। उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत को छोड़ दिया।
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बीते कई वर्षों से खराब स्वास्थ्य के कारण वे कम सक्रिय थे। उनके निधन की अफवाहें भी कई बार सामने आई थीं। गिलानी के परिवार की तमन्ना है कि उन्हें हैदरपोरा में दफनाया जाए।