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केंद्र के रवैये से जज बनने से पीछे हट जाते हैं मेधावी वकील – सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर खेद जताते हुए कहा कि इसके कारण मेधावी वकील जज बनने से पीछे हट जाते हैं।

Oct 22, 2023 / 08:35 am

Prashant Tiwari

 SC said brilliant lawyers will not becoming judges because of center

 

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर खेद जताते हुए कहा कि इसके कारण मेधावी वकील जज बनने से पीछे हट जाते हैं। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने जजों की नियुक्ति और तबादलों से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

केंद्र सरकार चुनिंदा (सेलक्टिव) नामों पर कार्यवाही करती है

सुनवाई के दौरान जजों ने एकमत होकर कहा कि कॉलेजियम एक निश्चित संख्या में जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिश करता है लेकिन केंद्र सरकार चुनिंदा (सलक्टिव) नामों पर कार्यवाही करती है। इससे सिफारिश किए जाने वाले नामों की संभावित वरिष्ठता प्रभावित होती है।

कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में जब आप एक को नियुक्त करते हैं और दूसरे को नहीं, तो वरिष्ठता का आधार ही गड़बड़ा जाता है और जज बनने का आकर्षण कम हो जाता है। जज बनते समय व्यक्ति यह जानना चाहता है कि वरिष्ठता में वह कहां खड़ा होगा। यह वरिष्ठता गड़बड़ाने से ही मेधावी वकील जज बनने से अक्सर पीछे हट जाते हैं।

तबादलों में देरी पर भी सवाल

कोर्ट ने जजों के तबादले के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में सरकार की देरी पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा, जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के पांच वरिष्ठ जज अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश करते हैं, तो केंद्र सरकार को उस पर बैठे रहने के बजाय तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।
जस्टिस कौल ने कहा कि हालांकि सुधार हुआ है और जो छह महीने में नहीं हुआ वह एक महीने में हो गया है। कॉलेजियम की ओर से दुबारा अनुशंसित पांच नाम, पहली बार अनुशंसित पांच नाम और तबादलों से संबंधित 11 फाइलें अभी भी केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने आश्वासन दिया कि लंबित मामलों में दो सप्ताह में कमी आ जाएगी। इस मामले की सुनवाई नवंबर के दूसरे सप्ताह में होगी।

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