scriptसुंदरवन के रॉयल बंगाल टाइगर पर मंडराता जल स्तर बढ़ने का खतरा, 35 साल में मिट सकता है अस्तित्व | Royal Bengal Tiger of Sundarban is in danger due to rising water level, it may become extinct in 35 years | Patrika News
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सुंदरवन के रॉयल बंगाल टाइगर पर मंडराता जल स्तर बढ़ने का खतरा, 35 साल में मिट सकता है अस्तित्व

Royal Bengal Tiger of Sundarban: भारत और बांग्लादेश में पड़ने वाले सुन्दरवन डेल्टा क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का खतरा गहराता जा रहा है। पढ़िए मनोज कुमार सिंह की खास रिपोर्ट…

कोलकाताOct 23, 2024 / 12:19 pm

Shaitan Prajapat

Royal Bengal Tiger of Sundarban: भारत और बांग्लादेश में पड़ने वाले सुन्दरवन डेल्टा क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का खतरा गहराता जा रहा है। क्षेत्र में वैश्विक अनुपात की तुलना में दोगुनी गति से समुद्री जलस्तर बढ़ रहा है। इस कारण सुन्दरवन स्थित रॉयल बंगाल टाइगर के आशियाने पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं, जो इस उपमहाद्वीप के सबसे बड़े बाघ आवासों में से एक और प्रथम स्तर की बाघ संरक्षण इकाई (टीसीयू) है। साथ ही अगले 35 वर्ष में इसका अस्तित्व मिट जाने की भी आशंका है।

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर ने किया आगाह

पर्यावरण वैज्ञानिकों ने चेताया है कि बढ़ते समुद्री जलस्तर के मद्देनजर समय पर अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सुन्दरवन का अधिकांश हिस्सा समुद्र में समा जाएगा, जिसमें बाघों का आशियाना भी नष्ट हो जाएगा। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अध्ययन के अनुसार बढ़ते समुद्री जलस्तर की रफ्तार के हिसाब से वर्ष 2070 तक हिन्द महासागर के इस उत्तर तटीय क्षेत्र में समुद्री जलस्तर लगभग एक फुट बढऩे का अनुमान है। मैग्रोव जंगल सुन्दरवन तटीय क्षेत्र को चक्रवाती तूफानों के प्रभाव से रक्षा करता है लेकिन, जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जलस्तर बढऩे से इस पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है।
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विश्व बैंक ने भी किया सतर्क

विश्व बैंक ने भी सुन्दरवन क्षेत्र पर बढ़ते जलस्तर के खतरे से चेताया है। अपनी बिल्डिंग रिजिलियंस फॉर सस्टनेबल डेवलपमेन्ट ऑफ द सुन्दरवन रिपोर्ट में कहा है कि सुन्दरवन को बाढ़ और चक्रवात तूफान का खतरा बरकरार है। जल स्तर बढऩे से सुंदरवन का अस्तित्व मिट सकता है।

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण की सुन्दरवन पर निगरानी

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण संस्थान सुन्दरवन के जानवरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर निगरानी कर रहा है। संस्थान ने क्षेत्र की विविधता और जनसंख्या इनडेक्स की जांच के लिए निगरानी केन्द्र स्थापित किया है।

धीमी गति से बढ़ रही बाघों की संख्या

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा कि सुन्दरवन के बाघों के आशियाना बचाने के लिए अब बहुत ही कम समय है। विश्व के 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं। अभी देश में 3,682 जंगली बाघ हैं। इनकी संख्या बहुत ही धीमी गति से बढ़ रही है। भारत में बाघों की संख्या पिछले 100 वर्षों में सबसे कम है। एक समय देश में एक लाख बाघ थे। पिछले सौ वर्षों में 97 प्रतिशत भारतीय बाघ घट गए हैं। हालांकि पिछले डेढ़ दशक से धीमी गति से बाघों की संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2014 की गणना के अनुसार 2010 से 2015 तक देश में बाघों की संख्या में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है। 2015 में देश में बाघों की संख्या 3000 थी। 2014 में यह आंकड़ा 3200 थी। पिछले नौ वर्ष में भारत में बाघों की संख्या में सिर्फ 482 ही वृद्धि हुई है, जिसमें रॉयल बंगाल टाइगर शामिल है।

सुन्दरवन : एक नजर

सुन्दरवन कुल 10,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
60 प्रतिशत बांग्लादेश और 40 प्रतिशत हिस्सा भारत में पड़ता है।

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