इसी बीच कुछ सवाल भी खड़े हुए जैसे, तेजस्वी व नीतीश कुमार के साथ आ जाने के बाद सीएम कौन होगा? क्या नीतीश तेजस्वी को सीएम का पद सौंपने को तैयार हो जाएंगे? तेजस्वी सीएम बनेंगे तो नीतीश कुमार का क्या होगा? उनकी क्या भूमिका होगी?
तो वहीं कुछ संभावनाएं भी बनती नजर आ रही हैं की अगर नीतीश कुमार राजद के साथ आ जाते हैं तो पार्टी उन्हें राष्ट्रपति बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार है। वे विपक्ष के प्रत्याशी के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में उतारे जाएंगे। इसके लिए नीतीश कुमार को बस एक काम करना होगा। बीजेपी व एनडीए का साथ छोड़कर राजद के साथ आ जाना होगा।
तो वहीं राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सदस्य तथा वर्तमान में मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा सीट से विधायक डॉ. अनिल सहनी का कहना है की सीएम नीतीश यदि राजद नेता तेजस्वी यादव को अपनी गद्दी सौंप देते हैं तो न केवल राजद वरन पूरा महागठबंधन विपक्षी दलों को एकजुट करेगा। इसके बाद नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा की मुझे पूरा भरोसा है कि जो लोग भाजपा से असहमत हैं वो नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनने में मदद करेंगे।