आदरणीय प्रधानाचार्य जी मेरे सभी शिक्षक गण और मेरे प्यारे सहपाठियों जैसे की आप सभी को विदित होगा की, इस वर्ष भारत का 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। आज मैं आपको रिपब्लिक डे से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करना चाहती हूँ। 26 जनवरी सन्न 1950 को देश का संविधान लागू किया गया था उसी उपलक्ष में भारत देश के प्रत्येक नागरिक के द्वारा गणतंत्र दिवस को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है,गणतंत्र का अर्थ है जनता के द्वारा जनता के लिए शासन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत को गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था। सभी भारतीय नागरिको के द्वारा यह दिवस बिना भेद-भाव के मनाया जाता है, हम सभी देश वासियों को भारत का नागरिक होने का गर्व है। समाज में, हमारी अलग जाति, धर्म या कई अन्य चीजें हैं जो हमें अलग करती हैं लेकिन इसकी एक व्यापक तस्वीर यह है की, हम सभी भारतीय हैं सभी भारतीयों के द्वारा एकजुट के रूप में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है। हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा जो अपने मेहनत और संघर्ष की आहुति दी गयी थी उसके कारण ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया गया। और इसी दिन हम पूर्ण रूप से स्वाधीन हो गए थे। उन सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों के कारण ही आज सभी भारतीय नागरिक अपने देश में स्वतंत्रता के साथ जी रहें है।
स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 26 जनवरी का अपना विशेष महत्व है। पंडित जवाहर लाल नेहरू की के द्वारा सन्न 1930 में रावी नदी के तट पर कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की गयी। जवाहर लाल नेहरू जी के द्वारा इस दिन यह प्रतिज्ञा ली गयी थी की जब तक भारत के वासियो को स्वतंत्रता की प्राप्ति नहीं हो जाती तब तक यह स्वतंत्रता आंदोलन को जारी रखा जायेगा। इन सभी संघर्षों के साथ स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए कई महान वीरों को अपना बलिदान भी देना पड़ा। जिनके बलिदान को आज भी भारत के नागरिको के द्वारा भुला नहीं गया है। धर्मनिरपेक्ष ,समाजवादी और लोकतान्त्रिक गणराज्य भारत का संप्रभु 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस उपलक्ष के अवसर पर प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति जी के द्वारा दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्र ध्वजारोहण किया जाता है। और इसके बाद राष्ट्रगान को शुरू किया जाता है। अब मैं अपने शब्दों को यही पर विराम देना चाहती हूँ और सभी का भाषण सुनने के लिए तह दिल से धन्यवाद करना चाहती हूँ। जय हिन्द जय भारत