तीनों बांधों की होगी मरम्मत
जल संसाधन विभाग ने कोटा बैराज, जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर बांध की मरम्मत के लिए 182 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव वर्ल्ड बैंक को भेजा है। मरम्मत होने पर बांधों की लाइफ आगामी 25 से 30 साल तक बढ़ जाएगी। इसमें हाइड्रो मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्य करवाया जाना प्रस्तावित है।
गांधी सागर की मरम्मत मध्यप्रदेश शासन करवाएगा
गांधी सागर बांध मध्यप्रदेश की सीमा में आता है, इसलिए उसकी मरम्मत का काम मध्यप्रदेश शासन के अधीन होगा। तकनीकी कमेटी की बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्य अभियंता ने बाढ़ के हालातों का जिक्र करते हुए गांधी सागर में पानी की निकासी के लिए अतिरिक्त बंदोबस्त करने का भी सुझाव दिया था। इसमें गांधी सागर में टनल बनाने पर भी चर्चा हुई है। एक्सपर्ट का कहना है कि अत्यधिक पानी की आवक होने पर टनल से निकासी की जा सकती है।
रोबोटिक स्टडी से डाटा तैयार
केन्द्रीय जल आयोग व जल संसाधन विभाग ने तीनों बांधों के सिविल स्ट्रक्चर की रोबोटिक जांच करवाई थी। रोबोट के जरिए पानी के अंदर सिविल स्ट्रक्टर की पूरी वीडियोग्राफी व अंडर वाटर सर्वे कप्यूराइड जांच करवाई गई थी। इसकी पूरी रिपोर्ट सॉप्टवेयर के जरिए तैयार की गई थी, जिसमें स्ट्रक्चर के क्रेक व नुकसान के बारे में भी बताया गया था। जल आयोग के एक्सपर्ट की टीम ने बांधों की सुरक्षा को लेकर अध्ययन किया था, जिसमें बांधों की मरम्मत अत्यंत आवश्यक माना था। अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग बैराज वृत्त, एजाजु्द्दीन अंसारी ने बताया कि चम्बल के तीनों बांधों के रिनोवेशन का प्रस्ताव तैयार कर दुबारा वर्ल्ड बैंक को प्रेषित किए जा चुके हैं। इसकी मंजूरी मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।