केंद्र के इस फैसले के बाद हर किसी नजर किसान आंदोलन पर टिकी हुई थी। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। राकेश टिकैत ने तीनों कृषि कानून वापस लेने के केंद्र सरकार के ऐलान के बाद भी तुरंत आंदोलन खत्म करने से इनकार किया है।
यह भी पढ़ेँः
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी का सबसे बड़ा ऐलान, सरकार ने वापस लिए तीनों कृषि कानून करीब एक साल से जिस काले कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन कर रहे थे, आखिरकार केंद्र ने उनकी इस मांग को मानते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया। शुक्रवार को पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद भले ही किसानों को चेहरे पर मुस्कान ला दी हो लेकिन लड़ाई फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने के ऐलान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि, आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। यानि राकेश टिकैत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं, कि वे फिलहाल आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं है। तीन कृषि कानूनों के वापस लेने के साथ ही वे अपनी दूसरी मांग के पूरा होने का भी इंतजार करेंगे।
पीएम मोदी के संबोधन से पहले भी राकेश टिकैत ने अपने भाई नरेश टिकैत के एक ट्वीट को साझा किया। इस ट्वीट में उन्होंने किसानों से खास अपील की थी। किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे । यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी । उन्होंने ट्वीट में लिखा- जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है।
किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे । जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा। किसान मोर्चाः यह हमारी जीत
इससे पहले किसान एकता मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने को अपनी जीत बताया। किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर कहा, 1 साल के लंबे इंतजार के बाद हम जीत गए। मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. एकता और न्याय ही सफलता का रास्ता है।