लोकसभा में कांग्रेस ने जीती थीं 5 सीटें
दरअसल, ‘इंडिया’ गठबंधन (INDIA Bloc) में शामिल दोनोंं पार्टियाें ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। कांग्रेस ने पांच सीटें जीतीं। आप ने इकलौती सीट गंवा दी लेकिन उसे 3.94 फीसदी वोट और चार विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। इसे ध्यान में रखते हुए राहुल ने गठबंधन के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। सीईसी की बैठक में राहुल ने इस बारे में नेताओं से बात करने और फायदा-नुकसान की रिपोर्ट देने को कहा है। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने इसकी पुष्टि की है। उधर आप नेता संजय सिंह (AAP Leader Sanjay Singh) ने राहुल की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को इस बारे में बताने के बाद आगे कुछ बात की जाएगी।
भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकना चुनौती
हरियाणा में मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी-इनकमबेंसी की बात सामने आ रही है लेकिन यह भी माना जा रहा है कि वहां के समीकरणों में जो पार्टी अपने वोटों के बिखराव रोकने में सफल होगी, उसे ही जीत मिल सकती है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकने की है। यहां जेजेपी और आजाद समाज पार्टी कांशीराम के बीच गठबंधन हो चुका है। इन दोनों दलों की नजर जाट और दलित वोटों पर है। यदि आप भी सभी सीटोंं पर चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
66 सीटों पर उम्मीदवार तय: कांग्रेस
हरियाणा के कांग्रेस पार्टी के प्रभारी बाबरिया ने बताया कि सीईसी की दो दिन में हुई बैठकों में 90 में से 66 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। सोमवार को 34 और मंगलवार को 32 सीटों पर नाम तय किए गए है। इनमें 22 विधायकों के नाम शामिल है। गठबंधन पर चर्चा चल रही है।