अब चार दिन बाद होगी अमृतपाल मामले में अगली सुनवाई-
अदालत की फटकार के बीच कोर्ट रूम में पंजाब पुलिस ने बताया कि अमृतपाल सिंह पर एनएसए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के जवान उसे तलाश रहे हैं। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले में चार दिन बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने पंजाब सरकार से मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
ऑपरेशन अमृतपाल में अभी तक 118 लोग गिरफ्तारः आईजी-
इससे पहले पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने सोमवार को कहा था कि खालिस्तान विचारक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, जबकि 18 मार्च की कार्रवाई के सिलसिले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक बड़े घटनाक्रम में अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है।
अमृतपाल के चाचा और सहयोगियों को डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया-
पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक ने बताया कि अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह, जिन्हें सोमवार तड़के गिरफ्तार किया गया था, पर भी कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने की संभावना है। जबकि अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और प्रधानमंत्री बाजेका को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है, उनके चाचा को भी वहां ले जाया जा रहा है।
आईएसआई और विदेशी फंडिंग की जांच जारी-
मीडिया को संबोधित करते हुए गिल ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह लगातार फरार है और उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। कट्टरपंथी नेता की मर्सिडीज सहित कुल 10 हथियार और चार वाहन जब्त किए गए हैं। पंजाब पुलिस को ‘वारिस पंजाब दे’ के लिए आईएसआई और विदेशी फंडिंग की संलिप्तता का संदेह है, जिसकी जांच की जा रही है।
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आनंदपुर खालसा फौज बना रहे थे अमृतपाल के सहयोगी-
आईजी ने कहा, हमें विदेशी फंडिंग के अलावा पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता का संदेह है। आरोपी हवाला चैनलों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। हमारे पास सबूत हैं कि आरोपी अमृतपाल के करीबी सहयोगियों की ‘आनंदपुर खालसा फौज’ (एकेएफ) बना रहे थे। अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज छह प्राथमिकियों में अवैध हथियार रखने के अलावा पुलिस के काम में बाधा डालना और पुलिस पर हमला करना शामिल है।
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