जम्मू-कश्मीर विधानसभा का 2018 में विघटन कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। उसके बाद से वहां चुनाव का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल वहां विधानसभा नहीं है। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 11 नवंबर, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर और झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है। यानी इन तीन राज्यों में उक्त तिथियों से पहले चुनाव कराए जाएंगे। निर्वाचन आयोग की तैयारी जम्मू-कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 30 सितंबर तक चुनाव कराने की है। यदि बीस अगस्त तक मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया जाता है तो 30 सितंबर तक चुनाव कराने का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि तीन अन्य राज्यों के साथ चुनाव कराने का निर्णय होता है तब जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदरे रियासत और पूर्व राजपरिवार के सदस्य कर्ण सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देना चाहती है। उनके लिए सुझाव है कि यदि विधानसभा चुनाव कराना ही है तो राज्य का दर्जा देने के बाद ऐसा करें।
लोकसभा चुनाव के नतीजे चार जून को जारी करने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने कई पोलिंग स्टेशनों पर वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के वेरिफिकेशन की मांग की है। चुनाव आयोग को आठ उम्मीदवारों से ऐसे आवेदन मिले हैं। इन उम्मीदवारों ने वोटिंग मशीनों में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स से छेड़छाड़ या बदलाव की जांच कराने का आग्रह किया है। आवेदकों में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी शामिल हैं।