वहीं, अब सूबे में सियासी हालात तेजी से बदल रहा है। बुधवार को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने गवर्नर से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि जयराम ठाकुर और गवर्नर की इस मुलाकात के बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कह सकते है।
अल्पमत में है सुक्खू सरकार- जयराम ठाकुर
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिलने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने आज राज्यपाल से मिलकर उन्हें राज्य में सियासी हालात के बारे में जानकारी दी है। कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है तो नैतिक आधार पर वो इस्तीफा दें।भाजपा ने विधायकों को किया किडनैपः सुक्खू
वहीं, इस पूरे मामले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायको को किडनैप कर लिया गया है। बताया गया कि सीआरपीएफ व हरियाणा पुलिस की कॉन्वॉय इन सभी नौ विधायकों को मतदान के तुरंत बाद हरियाणा के पंचकुला ले गई है। राज्यसभा के मतदान के बाद नौ विधायक वापस सदन की कार्यवाही में नहीं पहुंचे। बदले गणित से विधानसभा में सुक्खू सरकार खतरे में आ गई है।
विधायकों के नाराजगी के बीच सीएम बदल सकती है कांग्रेस
राज्यसभा में मिली हार और विधायकों की तरफ से बार-बार नाराजगी जताने के बाद कांग्रेस हाईकमान सूबे में मुख्यमंत्री बदलने की योजना पर काम कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को लेकर मंगलवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच बात हुई है।
बहुमत के लिए 35 विधायकों की जरुरत
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग किया है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के 68 सदस्यी विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 35 विधायकों की जरुरत है। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की 25 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस ने 40 सीट अपने नाम किया था। वहीं, 3 सीटें अन्य के खाते में थी। ऐसे में अगर कांग्रेस के 6 विधायक सरकार के खिलाफ खड़े रहते है तो कांग्रेस के हाथ से उत्तर भारत का एक मात्र राज्य भी निकल जाएगा।