उन्होंने कहा, “सितंबर 2024 में मैंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि प्रधानमंत्री संग्रहालय (पूर्व में नेहरू स्मारक) में नेहरू संग्रह का हिस्सा रहे लगभग आठ अलग-अलग खंडों के 51 कार्टन या तो संस्थान को लौटा दिए जाएं या हमें उन्हें स्कैन करने की अनुमति दी जाए या उनकी स्कैन की गई प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं। इससे हमें उनका अध्ययन करने और विभिन्न विद्वानों द्वारा शोध करने में सुविधा होगी।”
ये पत्र है भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
रिजवान कादरी ने कहा, “इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच महत्वपूर्ण पत्राचार, साथ ही पंडित गोविंद बल्लभ पंत, जयप्रकाश नारायण और अन्य के साथ आदान-प्रदान किए गए पत्र शामिल हैं। ये पत्र भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अभिलेखों के माध्यम से यह साबित हो चुका है कि इन्हें 2008 में सोनिया गांधी के निर्देश पर संग्रहालय से वापस ले लिया गया था।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सोनिया गांधी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद, उन्होंने उसी पर लोकसभा के नेता राहुल गांधी को एक और पत्र लिखा। “चूंकि उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए मैंने विपक्ष के नेता राहुल गांधी से इन सामग्रियों को वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया है। मैंने उनसे यह भी आग्रह किया है कि वे इस बात पर विचार करें कि ये दस्तावेज देश की विरासत का हिस्सा हैं और इसके इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। जब तक हम इन सामग्रियों को नहीं देख लेते, हम उन्हें वापस लेने के कारणों का पता नहीं लगा सकते। उन्हें हटाए जाने के लिए कुछ आपत्तिजनक सामग्री अवश्य रही होगी”।
संबित पात्रा ने उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी के सांसद संबित पात्रा ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह “दिलचस्प” है। पात्रा ने एक्स पर कहा “आज जो प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय है और पहले नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय था, वहां से तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेहरू द्वारा “एडविना माउंटबेटन” सहित विभिन्न हस्तियों को लिखे गए पत्रों के 51 कार्टून ले लिए! हाल ही में संपन्न पीएमएमएल की एजीएम में एक सदस्य रिजवान कादरी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपनी मां सोनिया गांधी से पत्र वापस लाने में मदद मांगी है!। भाजपा सांसद ने कहा “मुझे इस बात से आश्चर्य हो रहा है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा जिसे सेंसर करने की जरूरत है और क्या विपक्ष के नेता राहुल नेहरू और एडविना के बीच के पत्रों को वापस लाने में मदद करेंगे!”। नई दिल्ली में तीन मूर्ति परिसर में नेहरू संग्रहालय स्मारक और पुस्तकालय पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था और इसे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में उनकी याद में स्थापित किया गया था।