बेहद फायदेमंद होंगी नई किस्में
इन किस्मों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विकसित किया है। इनमें 34 खेतों में लगाई जाने वाली और 27 बागवानी की फसलें हैं। मोदी ने दिल्ली के पूसा परिसर में तीन प्रायोगिक कृषि भूखंडों पर इनके बीजों को पेश किया। उन्होंने कृषि में वेल्यू एडिशन पर जोर दिया। किसानों ने कहा कि नई किस्में बेहद फायदेमंद होंगी, क्योंकि इनसे उनका खर्च कम होगा और पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने बाजरे के महत्त्व पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभ का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों में जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ती जा रही है।
इनके बीज शामिल
खेत की फसलों के लिए बाजरा, चारा, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, फाइबर सहित विभिन्न अनाज के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, बागानों, कंद, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में शामिल हैं। मोदी किसानों की आय बढ़ाने के लिए टिकाऊ खेती के तरीकों और जलवायु अनुकूल तरीकों की वकालत करते रहे हैं।