प्रधानमंत्री जनमन योजना का शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने बुधवार को 24,000 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के लिए (PM PVTG) अभियान की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले में बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर इसकी घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य देश में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) का समग्र विकास करना है। इस योजना के तहत झारखंड के आदिवासी जनजातियों के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
जानिए किसे मिलेगा फायदा
24 हजार करोड़ की लागत से शुरू की गई पीवीटीजी मिशन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 22 हजार गावों में रह रही ऐसी 75 जनजातीयों की पहचान की है, जो पिछड़ों में भी अतिपिछड़े हैं। ये आदिवासियों में भी सबसे पीछे रह गए आदिवासी हैं। इनकी संख्या लाखों में है और विलुप्त होने के कगार पर हैं। यह योजना इनकी जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
चार अमृत स्तंभ तय
रांची के बिरसा मुंडा म्यूजियम और उलिहातू में बिरसा मुंडा के गांव में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद खूंटी जिला मुख्यालय में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 सालों के कालखंड को विकास का अमृत काल के रूप में निर्धारित किया है और इसके लिए चार अमृत स्तंभ तय किए हैं। उन्होंने भारत की महिलाओं, किसानों-पशुपालकों, नौजवानों और मध्यम-गरीब वर्ग को चार स्तंभ बताते हुए कहा कि इन चारों को हम जितना मजबूत करेंगे, विकास की इमारत उतनी ही ऊंची होगी।
गौरव दिवस की बधाई
देशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की संघर्ष गाथा हर देशवासी को प्रेरणा से भर देती है। तिलका मांझी, सिदो-कान्हू, नीलाबंर-पीतांबर, फूलो-झानो जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं ने देश का गौराव बढ़ाया है। देश का कोई ऐसा कोना नहीं है, जहां आदिवासी नायकों ने ब्रिटिश साम्राज्य से लोहा नहीं लिया। देश इनका आज भी ऋणी है। आजादी के बाद ऐसे वीर-वीरांगनाओं के साथ न्याय नहीं हुआ। अमृत महोत्सव के दौरान हमने ऐसे वीर-वीरांगनाओं को याद किया और उनकी स्मृतियों को जन-जन तक पहुंचाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने गिनाईं उपलब्धियां
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक अपनी सरकार की उपलब्धियां विस्तारपूर्वक गिनाईं। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले गांवों में स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से कम था। आज हम शत-प्रतिशत के लक्ष्य के करीब हैं। एलपीजी कनेक्शन 50-55 प्रतिशत घरों में था, 100 प्रतिशत घरों को धुएं से मुक्ति के लक्ष्य के पास है। पहले मात्र 55 प्रतिशत बच्चों को ही जीवन रक्षक टीके लग पाते थे, शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो रहा है। सात दशकों में 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी। जल जीवन मिशन से आज 70 प्रतिशत तक नल का पानी पहुंच रहा है।