scriptशहरों में पैदल और साइकिल से चलने वालों को मिलेगा ‘सम्मान’, कानून में संशोधन की सिफारिश | Pedestrians and cyclists will get 'respect' in cities, recommendation of amendment in law, report of High Power Committee | Patrika News
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शहरों में पैदल और साइकिल से चलने वालों को मिलेगा ‘सम्मान’, कानून में संशोधन की सिफारिश

High Power Committee: केंद्र सरकार की ओर से गठित हाईपावर कमेटी की सिफारिशें मानी गईं तो देश के शहरों की सड़कों पर पैदल और साइकिल से चलने वालों को ‘सम्मान’ मिलेगा।

नई दिल्लीDec 30, 2024 / 08:11 am

Shaitan Prajapat

High Power Committee: केंद्र सरकार की ओर से गठित हाईपावर कमेटी की सिफारिशें मानी गईं तो देश के शहरों की सड़कों पर पैदल और साइकिल से चलने वालों को ‘सम्मान’ मिलेगा। सम्मान इस मायने में कि शहरों की सड़क योजना में पैदल व साइकिल चालकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। वर्ष 2022 की बजट घोषणा के तहत शहरी नियोजन एवं विकास पर सुझाव के लिए बनी हाईपावर कमेटी ने केंद्र सरकार को सौंपी अपनी दूसरी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। साबरमती रिवरफ्रंट विकास निगम के चेयरमैन केशव वर्मा की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को यातायात की परिभाषा में शामिल करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़काें की योजना केवल कार चालकों पर केंद्रित करने के साथ सुरक्षित पैदल चलने के स्थानों पर भी फोकस होनी चाहिए। कार केंद्रित योजना में 42 प्रतिशत पैदल चलने वाले लोगों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं जाता। कमेटी ने शहरी विकास योजना बनाते समय पैदल काम पर जाने की संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया है।

पंजाब का उदाहरण, जयपुर में भी बना था स्पेस

कमेटी की रिपोर्ट में पंजाब का उदाहरण दिया है जो पैदल चलने वालों के लिए ‘चलने के अधिकार’ को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इसके तहत पंजाब में भविष्य में बनने वाली सड़कों या मौजूदा सड़कों की चौड़ाई बढ़ाते समय पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ और साइकिल ट्रैक बनाना जरूरी है। कर्नाटक में भी ऐसे नियम बने हैं। जयपुर में भी इसकी आंशिक शुरुआत की गई थी।

आईएएस की तरह नगर नियोजन सेवा

कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि नगर नियोजन पेशे में योग्य योजनाकारों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय सिविल सेवाओं की तर्ज पर अखिल भारतीय नगर नियोजन सेवा की स्थापना की जानी चाहिए।

50 लाख आबादी वाले शहरों में ही मैट्रो

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ही मैट्रो रेल शुरू करनी चाहिए। देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए स्वायत्त यूनिफाइड मैट्रो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनानी चाहिए जो पेशेवर लोगों के हाथ में हो। यह अथॉरिटी समग्र रूप से परिवहन व यातायात व्यवस्था का प्रबंधन करे।
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यह भी की सिफारिशें

पैदल काम पर जाने की संस्कृति पर फोकस हो

कमेटी ने सिफारिश की है कि राज्यों को कॉम्पैक्ट शहरों की योजना बनाने और विकसित करने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए पैदल चलकर काम करने की संस्कृति और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा की सुलभता वाला बुनियादी ढांचा बनाने पर फोकस करना चाहिए।

ब्राउनफील्ड विकास, एफएआर बढ़े

केंंद्र सरकार ब्राउनफील्ड विकास (पुराने बंद हो चुके कारखानों, बंद मार्केट, बंद रेल मार्ग या सैन्य अड्डे का पुनर्विकास कर आधुनिक बनाना) को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन की नीति बनाए। राज्य सरकारें शहर के मुख्य भाग में अपेक्षाकृत ज्यादा फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) तय करें ताकि वर्टिकल बिल्डिंगों को बढ़ावा मिले।
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पीएम की अगुवाई में शहरी आर्थिक विकास मिशन

भविष्य के शहर तैयार करने की रणनीति के लिए प्रधानमंत्री के संरक्षण में शहरी आर्थिक विकास मिशन बने। इसकी सलाहकार समिति में औद्योगिक घरानों और देश-विदेश के शहरी नियोजन विशेषज्ञों को शामिल करें।

शहर-गांव-क्षेत्र की एक साथ योजना

बढ़ते शहरीकरण के बावजूद नगर नियोजन के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अभाव में अधिकतर राज्यों में अव्यविस्थत विकास को सही दिशा के लिए शहरी, ग्रामीण और क्षेत्रीय भूगोल की एक साथ योजना बनाई जाए। उनकी मदद के लिए नेशनल अर्बन एंड रीजनल प्लानिंग अथॉरिटी बने। राज्यों में इसके शेडो संगठन बने।
– यातायात अपराध रोकने के लिए चालक लाइसेंस प्रणाली पर ध्यान दें। यातायात नियमों का आदतन उल्लंघन करने वालों पर ज्यादा जुर्माना लगे, दंड मिले।
– शहरी विकास पर शहर के जीडीपी का अमूमन एक फीसदी खर्च होता है। टिकाऊ विकास के लिए इसे बढ़ाने की जरूरत। शहरी आर्थिक विकास परिषदों में शहरी अर्थशास्त्रियों को नियुक्त किया जाए।

पैदल चलना जान पर खतरा

  • 20 फीसदी पैदल चलने वाले होते हैं दुर्घटनाओं में कुल मृतकों में
  • 35000 पैदल राहगीरों की हुई 2023 में दुर्घटना में मौत
  • 99 फीसदी पैदल चालकों को चोट लगने का खतरा
  • 57% पैदल यात्री दुर्घटनाएं दिन के समय होती हैं
  • 57% मरने वाले 45 वर्ष से कम आयु के पैदल यात्री

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