आलाकमान पर भारी ‘सूबेदारों’ की महत्वाकांक्षाएं
दरअसल लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता से अलग रहने के कारण कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में क्षेत्रीय दिग्गजों (सूबेदारों) की महत्वाकांक्षा आलाकमान पर भारी पड़ती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राज्यों में दो-दो दिग्गज हमेशा रहे हैं और सीएम एक ही बनता है। दिल्ली में सरकार नहीं होने से क्षेत्रीय सूबेदारों को केंद्र में पद नहीं दिया जा सकता, लिहाजा दूसरा दिग्गज हमेशा सीएम पद पर नजर रखता है। मध्यप्रदेश में इससे सीधे नुकसान हुआ तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सरकार तो बची लेकिन चुनाव हार गए। यही मुसीबत अब कर्नाटक में है।राजस्थान: बाल-बाल बची थी सरकार
2018 में सत्ता में आई कांग्रेस में कई दिनों की रस्साकशी के बाद अशोक गहलोत सीएमऔर सचिन पायलट डिप्टी सीएम बने थे। दोनों के बीच मतभेद के चलते 2020 में सरकार पर संकट भी आया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस संकट दूर किया, सरकार तो बच गई लेकिन 2023 में यहां कांग्रेस चुनाव हार गई।करोल बाग सीट: AAP की सबसे मजबूत सीट पर BJP ने खेला बड़ा दांव, जानिए क्या है सियासी समीकरण
छत्तीसगढ़-पांच साल तक चली रस्साकशी
छत्तीसगढ़ में 2018 में सरकार बनने पर भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया। वहीं टीएस सिंहदेव मंत्री बने। सिंहदेव बार-बार दिल्ली आते रहे और आलाकमान से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के फॉर्मूले के अमल में लाने की मांग करते रहे लेकिन बाद में डिप्टी सीएम बने। इस मतभेद का भी 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार में अहम योगदान रहा।मध्यप्रदेश: और हाथ से गई सरकार
मध्यप्रदेश में लगातार तीन विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2018 में कांग्रेस सत्ता में लौटी थी। सीएम की कुर्सी को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में जंग के चलते 2020 में सरकार गिर गई। सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस का बुरा दौर बरकरार रहा।हिमाचल प्रदेश: फंस गई थी सरकार
हिमाचल प्रदेश में साधारण बहुमत से सरकार में आई। यहां भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह व उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह से खटपट रही। पिछले साल कुछ विधायकों ने इस्तीफा देकर सरकार को फंसा दिया था। हालांकि कांग्रेस आलाकमान के सक्रियता और उपचुनाव में सफलता से सरकार बच गई।Hindi News / National News / Patrika Exclusive: कांग्रेस के लिए चुनौती बने दो दिग्गज नेता, सिद्दारमैया के बयान से छिड़ी नई बहस