रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में मिली मंजूरी
वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में पिछले साल 2 सितंबर को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस वर्ष 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी थी। समिति ने 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। समिति ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया था, जिनमें से 32 ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया, जबकि 15 पार्टियों ने विरोध जताया था।
विपक्ष का नहीं मिला साथ
एक राष्ट्र, एक चुनाव का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध किया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था एक राष्ट्र, एक चुनाव व्यावहारिक नहीं है।
पहले चरण में लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव
समिति ने पहले चरण में लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव व दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाने की सिफारिश की है। प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक विधेयक निकायों के चुनावों को लोकसभा व विधानसभा के साथ जोड़ने को लेकर होगा, हालांकि इसके लिए कम से कम 50 फीसदी राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी।