यूजर्स ऐसे ले सकेंगे लाभ
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) की घोषणा के अनुसार सरकार ‘One Nation One Subscription’ ONOS के साल 2025, 2026 और 2027 के तीन वर्षीय क्रियान्वयन पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उच्च शिक्षा विभाग के पास इसके लिए एक अलग से पोर्टल ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ होगा, जिसके माध्यम से यूजर्स शोध पत्रिकाओं तक पहुंच सकेंगे। अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) समय-समय पर ONOS योजना के उपयोग का आकलन करेगा और इन संस्थानों से भारतीय लेखकों द्वारा किए गए प्रकाशनों की निगरानी भी करेगा। योजना को पूरी तरह से सरल, यूजर्स के अनुकूल और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?
ONOS योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ केंद्र सरकार के अनुसंधान और विकास संस्थानों को मिलेगा। यूजर्स को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) की ओर से समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से इस योजना लाभ उठा सकेंगे। इसके बाद इन संस्थानों के छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों का एक क्लिक पर अध्ययन कर सकेंगे। इस लिस्ट में 6,300 से ज्यादा संस्थान शामिल हैं, यानी लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता ONOS का लाभ उठा सकेंगे।